भारतीय जनता पार्टी को आंध्र प्रदेश के बारे में जल्दी फैसला करना है और मुश्किल फैसला करना है। भाजपा की पुरानी सहयोगी और राज्य की मुख्य विपक्षी तेलुगू देशम पार्टी एनडीए में शामिल होने के लिए तैयार है। टीडीपी के नेता चंद्रबाबू नायडू से भाजपा नेताओं की बातचीत हो चुकी है। उनके करीबी रिश्तेदार जूनियर एनटीआर से भी भाजपा के शीर्ष नेताओं की मुलाकात और बात हुई है। दिवंगत एनटी रामाराव के परिवार के सदस्य इस बात पर एकमत हैं कि टीडीपी को भाजपा के साथ लौटना चाहिए। भाजपा ने एनटीआर की बेटी डी पुरंदेश्वरी को प्रदेश अध्यक्ष भी बनाया है। लेकिन टीडीपी की शर्त है कि भाजपा को स्पष्ट रूप से वाईएसआर कांग्रेस पार्टी से दूरी बनानी होगी।
ध्यान रहे वाईएसआर कांग्रेस के नेता और राज्य के मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी सार्वजनिक रूप से प्रधानमंत्री के प्रति सद्भाव दिखाते रहे हैं। वे हर मुद्दे पर केंद्र में मोदी सरकार को समर्थन देते हैं। हाल ही में दिल्ली के सेवा बिल पर और सरकार के खिलाफ लाए गए अविश्वास प्रस्ताव पर उनकी पार्टी ने भाजपा का साथ दिया। ऐसे में भाजपा के लिए ऐसे सहयोगी को अपने से दूर करने का फैसला करना मुश्किल लग रहा है। दूसरे, भाजपा इस बात को लेकर आश्वस्त नहीं है कि अगले चुनाव में टीडीपी बहुत अच्छा प्रदर्शन करने जा रही है। तभी भाजपा के सामने दुविधा है। उसको लग रहा है कि अगर वह टीडीपी के साथ मिल कर लड़े और वाईएसआर कांग्रेस के खिलाफ मोर्चा खोले लेकिन चुनाव में फिर जगन की पार्टी जीत जाए तो आगे मुश्किल हो सकती है। क्योंकि जगन की बहन वाईएस शर्मिला के जरिए कांग्रेस जगन के परिवार के फिर करीब आ रही है। सो, भाजपा के लिए फैसला आसान नहीं होगा।