पांच राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनावों में कांग्रेस के टिकट बंटवारे को लेकर दो बातें लगभग तय बताई जा रही हैं। पहली तो यह कि कांग्रेस पहले से ज्यादा महिला उम्मीदवारों को टिकट देगी और दूसरे अन्य पिछड़ी जातियों का प्रतिनिधित्व बढ़ाएगी। कांग्रेस के जानकार नेताओं का कहना है कि राहुल गांधी इसलिए इतना खुल कर महिला आरक्षण पर सवाल उठा रहे हैं और उसे तत्काल लागू करने की मांग कर रहे हैं क्योंकि कांग्रेस महिलाओं को ज्यादा टिकट देने जा रही है और इस मसले पर भाजपा को घेरेगी। वे जातीय जनगणना और आरक्षण बढ़ाने की मांग भी इसलिए कर रहे हैं क्योंकि पार्टी अन्य पिछड़ी जातियों के उम्मीदवारों की संख्या भी पहले से बढ़ाने जा रही है।
यह भी कहा जा रहा है कि महिला उम्मीदवारों में भी मोटे तौर पर पार्टी अन्य पिछड़ी जातियों को 30 फीसदी तक का आरक्षण दे सकती है। हालांकि यह घोषित करके नहीं दिया जाएगा लेकिन टिकट बंटवारे के बाद कांग्रेस इसका प्रचार करेगी। कांग्रेस सभी राज्यों में यह प्रयोग करेगी। मिसाल के तौर पर छत्तीसगढ़ की बात बताई जा रही है। छत्तीसगढ़ की 90 सदस्यों की विधानसभा में कांग्रेस के 71 विधायक हैं। इनमें से 13 महिलाओं और 58 पुरुष हैं। बताया जा रहा है कि इन 13 महिलाओं विधायकों के अलावा कांग्रेस कम से कम 13 और महिला उम्मीदवार उतारेगी। यानी 90 में से कम से कम 26 टिकट महिलाओं को दी जाएगी। यह संख्या 30 भी हो सकती है। अगर कांग्रेस ऐसा करती है तो भाजपा के लिए मुश्किल होगी क्योंकि भाजपा ने मध्य प्रदेश में जिन 79 टिकटों की घोषणा की है उनमें से सिर्फ 10 महिलाएं हैं और छत्तीसगढ़ के 21 उम्मीदवारों में पांच महिलाएं हैं।