nayaindia five state assembly election सहयोगियों के प्रचार से कांग्रेस को नुकसान
Election

सहयोगियों के प्रचार से कांग्रेस को नुकसान

ByNI Political,
Share

पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के नेता बहुत भरोसे में हैं। वैसे तो सार्वजनिक रूप से कांग्रेस नेता सभी राज्यों में जीतने का दावा कर रहे हैं लेकिन अनौपचारिक बातचीत में भी राजस्थान छोड़ कर बाकी चार राज्यों में जीत का भरोसा दिखा रहे हैं। इस भरोसे की वजह से ही उन्होंने विपक्षी गठबंधन की किसी पार्टी के साथ तालमेल नहीं किया। ‘इंडिया’ से बाहर की भी भाजपा विरोधी पार्टियों के साथ कांग्रेस ने कोई तालमेल नहीं किया। अब स्थिति यह है कि विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ में कांग्रेस की सहयोगी पार्टियां और दूसरी गैर भाजपा दलों के नेता कांग्रेस के खिलाफ प्रचार कर रहे हैं। उनके प्रचार और कांग्रेस के ऊपर उनके हमले का नुकसान कांग्रेस को हो सकता है। कांग्रेस के नेता इसे स्वीकार नहीं कररहे हैं लेकिन आम लोगों के बीच इन पार्टियों के प्रचार का असर हो रहा है।

भाजपा और कांग्रेस के बीच सीधा मुकाबला है इसलिए भाजपा का प्रचार जितना असरदार नहीं है उससे ज्यादा असरदार कांग्रेस के सहयोगियों का प्रचार है। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव मध्य प्रदेश में अपने प्रत्याशियों के लिए चुनाव प्रचार कर रहे हैं और अपनी सभाओं में कांग्रेस को वोट नहीं देने की अपील कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस बहुत चालू पार्टी है उसको वोट नहीं दें। इसी तरह आम आदमी पार्टी के नेता अरविंद केजरीवाल और भगवंत मान अपनी पार्टी के प्रत्याशियों के लिए प्रचार कर रहे हैं और कांग्रेस को भाजपा जैसा बताते हुए उसको वोट नहीं देने की अपील कर रहे हैं। कम्युनिस्ट पार्टियों के नेता भी प्रचार में उतरेंगे और जाहिर है कि मुकाबला कांग्रेस और भाजपा दोनों के खिलाफ होगा तो वे भी कांग्रेस पर निशाना साधेंगे। इससे भाजपा को कांग्रेस के बारे में धारणा बनवाने में आसानी हो रही है। उसके नेता कह रहे हैं कि अगर लोगों को भाजपा की बात पर यकीन न हो तो समाजवादी पार्टी, बसपा, आप और कम्युनिस्ट पार्टियों के नेताओं को सुनें।

Leave a comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

और पढ़ें

Naya India स्क्रॉल करें