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गठबंधन के अंदर भी गठबंधन!

विपक्षी पार्टियों के गठबंधन ‘इंडिया’ के अंदर भी एक नया गठबंधन बन गया है। कांग्रेस की बढ़ती ताकत या उसके केंद्रीय फोर्स बनने की आशंका को देखते हुए चार पार्टियों ने अनौपचारिक गठबंधन बनाया है। इनमें से तीन ऐसी पार्टियां हैं, जो बड़ी हिचक के साथ गठबंधन से जुड़ी हैं और अब भी मौका देख कर अलग होने की सोच में काम कर रही हैं। इस गुट के नेताओं का काम कांग्रेस की हर बात में अड़ंगा लगाना है या कांग्रेस को पीछे धकेल कर अपने मनमाफिक फैसला कराना है। 

कांग्रेस के जानकार सूत्रों के मुताबिक आम आदमी पार्टी के नेता और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस की अध्यक्ष ममता बनर्जी और समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ये तीन ऐसे नेता हैं, जो पहले विपक्षी गठबंधन के विचार के खिलाफ थे। लेकिन बाद में ये गठबंधन से जुड़े तब भी कांग्रेस से दूरी बनाए हुए हैं। शरद पवार जरूर कांग्रेस गठबंधन में शामिल थे लेकिन बाद में वे भी इन तीन नेताओं के साथ मिल गए हैं। 

इस तरह ममता बनर्जी, केजरीवाल, अखिलेश और शरद पवार का एक दबाव समूह विपक्षी गठबंधन के अंदर बन गया है। पहले तीन नेताओं को लग रहा है कि इन्हें अपने दम पर ही लड़ना है इसलिए गठबंधन को ये बहुत गंभीरता से नहीं ले रहे हैं। इनको लगता है कि इनका कुछ भी दांव पर नहीं है। तभी ये दबाव की राजनीति कर रहे हैं। अगर इनके मन से फैसला हो गया तो ठीक है नहीं तो इनको अलग रास्ता लेने में भी दिक्कत नहीं है। इन नेताओं के रुख को देखते हुए कांग्रेस को अपनी रणनीति अलग तरह से बनानी पड़ रही है। यूपीए के पुराने सहयोगियों को लेकर कांग्रेस इन्हें रोकने के उपाय कर रही है। 

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