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जदयू की ओर से नीतीश की दावेदारी

रणनीति

विपक्षी पार्टियों के गठबंधन ‘इंडिया’ की पहली बैठक बिना संयोजक के हुई। सोचें, पार्टियों के बीच संयोजक पद को लेकर कितनी खींचतान होगी, जो तीन बैठकों में संयोजक का नाम तय नहीं हो सका? तभी बिना संयोजक के नई दिल्ली में शरद पवार के आधिकारिक आवास पर ‘इंडिया’ की कोऑर्डिनेशन कमेटी की पहली बैठक हुई। प्रवर्तन निदेशालय यानी ईडी के समन की वजह से तृणमूल कांग्रेस के नेता और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक बनर्जी इस बैठक में शामिल नहीं हुए और खराब सेहत की वजह से जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन उर्फ ललन सिंह भी शामिल नहीं हुए।

ललन सिंह इस बैठक में शामिल नहीं हुए लेकिन बताया जा रहा है कि उनके बयान का साया पूरी बैठक पर मंडराता रहा। असल में बैठक से एक दिन पहले यानी मंगलवार को खबर आई कि ललन सिंह ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को ‘इंडिया’ का नेतृत्व करने के लिए सबसे योग्य नेता करार दिया है। यह खबर बहुत दिलचस्प इस वजह से है कि नीतीश कुमार ने यह बात रविवार को कही थी लेकिन खबर मंगलवार को आई यानी बैठक से एक दिन पहले यह खबर मीडिया में आई। दूसरी खास बात यह है कि ललन सिंह ने यह बात नालंदा के हरनौत में कही, जहां से नीतीश कुमार ने अपना राजनीतिक जीवन शुरू किया था। वे सबसे पहले 1985 में इसी सीट से विधायक हुए थे।

ललन सिंह ने हरनौत में पार्टी कार्यकर्ताओं की बैठक में कहा कि उनके नेता यानी नीतीश कुमार देश का नेतृत्व करने के लिए सबसे योग्य हैं और वे देश का नेतृत्व करने के लिए तैयार भी हैं। हालांकि खुद नीतीश कुमार कई बार कह चुके हैं कि उनकी कोई महत्वाकांक्षा नहीं है और वे कोई पद नहीं चाहते हैं। लेकिन ललन सिंह का यह कहना बहुत अहम है कि नीतीश नेतृत्व करने के लिए तैयार हैं। इतना ही नहीं उन्होंने नीतीश कुमार के राजनीतिक अनुभव के बारे में विस्तार से बताया कि वे कितने बरस तक केंद्र में मंत्री रहे, किस-किस विभाग के मंत्री रहे और 17 साल से बिहार के मुख्यमंत्री हैं। इतने लंबे समय तक सार्वजनिक जीवन में रहने के बावजूद उनके ऊपर किसी तरह का भ्रष्टाचार का दाग नहीं लगा है।

यह पहली बार है, जब किसी पार्टी की ओर से अपने नेता की दावेदारी इस तरह से पेश की गई है। पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने स्वंय यह दावेदारी की है। दूसरी पार्टियों की ओर से भी अपने अपने नेताओं की दावेदारी की गई है लेकिन उसे गंभीरता से नहीं लिया जाता है। ममता बनर्जी, शरद पवार, उद्धव ठाकरे आदि की भी दावेदारी होती रहती है और कांग्रेस नेता राहुल गांधी को सबसे योग्य ठहराते रहे हैं लेकिन नीतीश की पार्टी का दावा उससे अलग है। बहरहाल, क्या देखना दिलचस्प होगा कि इस दावेदारी के बाद ‘इंडिया’ की पार्टियां संयोजक के बारे में क्या फैसला करती हैं?

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