मुंबई में विपक्षी पार्टियों के गठबंधन ‘इंडिया’ की बैठक में बहुत सी चीजें तय होंगी लेकिन यह मुश्किल लगता है कि सीट बंटवारे को लेकर कोई फैसला होगा। बैठक से एक दिन पहले बुधवार को प्रेस कांफ्रेंस में शरद पवार ने कहा कि सीट बंटवारे पर बातचीत होगी। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले ने कहा कि मेरिट के आधार पर राज्य में सीट बंटवारा, जिसका उद्धव ठाकरे ने भी समर्थन किया। लेकिन असल में अभी कांग्रेस सहित कई पार्टियां ऐसी हैं, जो सीट बंटवारे के लिए तैयार नहीं हैं। उनका कहना है कि साल के अंत में होने वाले पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव के बाद सीट बंटवारे के बारे में बातचीत होनी चाहिए।
इसलिए बहुत संभव है कि मुंबई की बैठक में सीट बंटवारे पर विचार के लिए वरिष्ठ नेताओं की एक कमेटी बन जाई। यह भी कहा जा रहा है कि कई पार्टियां चाहती हैं कि भाजपा की तरह हर राज्य में सर्वे कराया जाए ताकि पार्टियों की वास्तविक स्थिति का अंदाजा लगे और संभावित उम्मीदवारों के नाम भी सामने आ सके। अगर सर्वेक्षण कराने की सहमति बनती है तो वैसे भी सीट बंटवारा टलेगा। एक सुझाव यह भी है कि सीट बंटवारे के लिए राज्यवार कमेटी बनाई जाए। इसका मतलब है कि सेंट्रलाइज्ड कमेटी बनाने की बजाय एक से ज्यादा कमेटी बनाई जाए, जो राज्यवार सीट बंटवारे पर बात करे। एक जानकार नेता का कहना है की एक साथ लड़ने की सहमति बन जाने के बाद सीट बंटवारा ज्यादा बड़ी समस्या नहीं होगी। हालांकि यह ज्यादा बड़ी समस्या तभी नहीं होगी, जब कांग्रेस अपनी सीटें छोड़ने पर राजी हो। अगर कांग्रेस अड़ती है तो बिहार, झारखंड से लेकर महाराष्ट्र, बंगाल और दिल्ली से पंजाब तक हर जगह समस्या होगी।