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एनजीओ का समर्थन ‘इंडिया’ के लिए कारगर होगा?

ByNI Political,
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योगेंद्र यादव गैर सरकारी संगठनों यानी एनजीओ और छोटी छोटी पार्टियों का समर्थन कांग्रेस और विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ के लिए जुटा रहे हैं। जिस तरह उन्होंने पिछले साल कांग्रेस नेता राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा के लिए एनजीओ का समर्थन जुटाया था और कांस्टीट्यूशन क्लब में एक मीटिंग करके राहुल गांधी को गैर सरकारी संगठनों के प्रतिनिधियों से मिलवाया था उसी तरह भारत जोड़ो अभियान के तहत वे इस बार भी कर रहे हैं। उन्होंने 50 से ज्यादा गैर सरकारी संगठनों और ‘इंडिया’ से बाहर की करीब 20 पार्टियों के नेताओं को एक बैठक करके तय कराया है कि ये सारे लोग विपक्षी गठबंधन का समर्थन करेंगे।

सवाल है कि इससे विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ को कितना फायदा होगा? ध्यान रहे राहुल गांधी पर पहले से आरोप लगते रहे हैं कि वे एनजीओ के हिसाब से काम करते हैं और कांग्रेस को भी उसी तरह का बना दिया है। राहुल ने जब लोकसभा में कहा कि देश के 90 सचिवों में सिर्फ तीन ओबीसी हैं तो अमित शाह ने तंज करते हुए कहा था कि राहुल को कोई एनजीओ वाला आंकड़ा दे देता है और वे उसे बताते रहते हैं। इसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी मध्य प्रदेश में अपनी सभा में कहा कि कांग्रेस ने अपने को एनजीओ के हाथों में सौंप दिया है और अर्बन नक्सल उसे चला रहे हैं। सो, एक तरफ यह नैरेटिव है, जो भाजपा बना रही है। उसने एनजीओ का मतलब लोगों का बताया है कि देश विरोधी होते हैं, टुकड़े टुकड़े गैंग होते हैं, विदेशी फंडिंग पर भारत विरोध करने वाले होते हैं। तो दूसरी ओर योगेंद्र यादव ‘इंडिया’ के लिए एनजीओ का समर्थन जुटा रहे हैं।

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