इंडियन नेशनल लोकदल को अभी आधिकारिक रूप से विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ नहीं शामिल किया गया है क्योंकि कांग्रेस विरोध कर रही है। कांग्रेस के प्रदेश के नेता और पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंदर सिंह हुड्डा ने इसका विरोध किया है। तभी इनेलो के संस्थापक चौधरी देवीलाल की 110वीं जयंती के मौके पर पार्टी की ओर से कैथल में आयोजित रैली में कांग्रेस के नेता नहीं गए। रैली का आयोजन कर रहे ओमप्रकाश चौटाला परिवार की ओर से सोनिया और राहुल गांधी दोनों को न्योता भेजा गया था। लेकिन न तो पार्टी का कोई केंद्रीय नेता रैली में गया और न प्रदेश का कोई नेता इसमें शामिल हुआ। फिर भी मीडिया में इस रैली को ‘इंडिया’ की रैली कहा गया। मंच से बातें भी उसी तरह से हुईं। विपक्षी गठबंधन में शामिल कई पार्टियों के नेता मंच पर थे लेकिन बताया जा रहा है कि इससे कांग्रेस में नाराजगी है।
ओमप्रकाश चौटाला की पार्टी को ‘इंडिया’ में लाने का प्रयास कर रहे नीतीश कुमार की पार्टी से केसी त्यागी ने रैली में हिस्सा लिया। खुद नीतीश बिहार में रूक गए थे क्योंकि उनको आरएसएस के विचारक पंडित दीनदयाल उपाध्याय की जयंती के कार्यक्रम में शामिल होकर दूसरा राजनीतिक मैसेज बनवाना था। बहरहाल, केसी त्यागी के अलावा तृणमूल कांग्रेस के डेरेक ओ ब्रायन और नेशनल कांफ्रेंस के फारूक अब्दुल्ला ने भी रैली में हिस्सा लिया। फारूक ने विपक्ष की सभी पार्टियों से एकजुट होने की अपील भी की। कांग्रेस को नाराजगी इस बात पर भी है कि रैली में शिरोमणि अकाली दल के नेता और सांसद सुखबीर बादल भी शामिल हुए। उनके बारे में कहा जा रहा है कि वे भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए में वापसी के लिए बात कर रहे हैं। अगर अकाली दल को एनडीए में जगह नहीं मिलती है तो क्या उसे भी ‘इंडिया’ में शामिल किया जा सकता है? यह भी सवाल है कि इंडियन नेशनल लोकदल के बारे में कब तक फैसला होगा?