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कश्मीर क्या दिल्ली की तरह राज्य रहेगा?

ऐसा लग रहा है कि जम्मू कश्मीर का पूर्ण राज्य का दर्जा अभी जल्दी बहाल नहीं होने जा रहा है। केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में इसे लेकर कुछ भी स्पष्ट नहीं कहा। सरकार ने कोई टाइमलाइन नहीं दी। राज्य में विधानसभा चुनाव को लेकर जरूर सरकार ने कहा कि जल्दी चुनाव कराए जाएंगे। हालांकि उसमें भी कहा गया कि पहले पंचायत चुनाव होंगे। लेकिन यह लगभग तय लग रहा है कि अगले साल अप्रैल-मई में लोकसभा के चुनाव के साथ जम्मू कश्मीर के चुनाव हो सकते हैं। यह नहीं हो सकता है कि चुनाव आयोग कहे कि लोकसभा सीटों के लिए चुनाव कराने का हालात हैं लेकिन विधानसभा के चुनाव नहीं हो सकते हैं। अगर जम्मू कश्मीर में लोकसभा का चुनाव होता है तो विधानसभा का चुनाव भी साथ ही होगा।

लेकिन इसका यह मतलब नहीं होगा कि कश्मीर का पूर्ण राज्य का दर्जा बहाल हो जाएगा। ध्यान रहे कश्मीर की तमाम पार्टियों की मांग है कि पहले राज्य का दर्जा बहाल किया जाए और उसके बाद चुनाव कराए जाएं। दूसरी ओर सरकार का कहना है कि चुनाव पहले होगा और राज्य का दर्जा बाद में बहाल होगा। तभी इस बात की संभावना जताई जा रही है कि जम्मू कश्मीर का पूर्ण राज्य का दर्जा शायद जल्दी नहीं बहाल हो। वहां दिल्ली जैसी व्यवस्था हो सकती है कि चुनी हुई सरकार हो लेकिन सरकार चलाने के सारे अधिकार उप राज्यपाल के जरिए केंद्र के हाथ में हों। वहां की संवेदनशीलता और सीमा पर के हालात को देखते हुए केंद्र सरकार उसे केंद्र शासित प्रदेश बनाए रखे तो हैरानी नहीं होगी। हालांकि यह भी कहा जा रहा है कि अगर किसी तरह से चुनाव के बाद भाजपा का मुख्यमंत्री बन जाता है तो शायद राज्य का दर्जा बहाल हो जाए।

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