राष्ट्रीय लोकदल के नेता जयंत चौधरी से भाजपा को अब भी उम्मीद है। हालांकि जयंत विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ की बैठकों में शामिल हो रहे हैं और उनकी पार्टी सोशल मीडिया में भाजपा के खिलाफ लगातार हमले कर रही है। इसके बावजूद किसी न किसी कारण भाजपा को लग रहा है कि वे अंत में विपक्षी गठबंधन को छोड़ कर भाजपा से तालमेल कर सकते हैं। यह पता नहीं है कि भाजपा की ओर से किसी बड़े नेता द्वारा उनको संपर्क किया गया है या नहीं लेकिन यह जरूर है कि जयंत चौधरी को लेकर सोशल मीडिया में जो खबरें आ रही हैं उसके पीछे भाजपा के ही किसी नेता का हाथ है। यह लगातार बताया जा रहा है कि वे भाजपा के संपर्क में हैं। यह भी कहा जा रहा है कि वे केंद्रीय मंत्री बन सकते हैं। उनकी पार्टी के दो विधायकों के राज्य सरकार में भी मंत्री बनने की चर्चा हो रही है। इन विधायकों के नाम भी साझा किए जा रहे हैं।
हालांकि अब अचानक यह चर्चा शुरू हो गई है कि घोसी विधानसभा सीट पर उपचुनाव में समाजवादी पार्टी को मिली भारी भरकम जीत के बाद जयंत की दुविधा बढ़ी है। यह भी कहा जा रहा है कि लोकसभा की 12 सीटों पर उनकी पार्टी ने दावा इसी वजह से किया है कि अगर सपा तैयार नहीं होगी तो तालमेल खत्म कर लेंगे। यह भी कहा जा रहा है कि कांग्रेस और बसपा के साथ एक तीसरा मोर्चा बनाने की संभावना भी उनके दिमाग में है। लेकिन जिस बात की सबसे ज्यादा चर्चा है वह ये है कि जयंत चौधरी भाजपा के साथ जाएंगे। उनको केंद्र में मंत्री बनाया जाएगा। इतना ही नहीं यह भी कहा जा रहा है कि उनकी पहल पर भीम आर्मी वाले चंद्रशेखर का भी भाजपा से तालमेल होगा। उनकी पार्टी रालोद के दो विधायक- राजपाल बालियान और चंदन चौधरी राज्य सरकार में मंत्री बनेंगे। जयंत को एक राज्यसभा और एक लोकसभा सीट मिलने की चर्चा है। अगर वे राज्यसभा में रहे तो उनकी पत्नी लोकसभा का चुनाव लड़ेंगी और अगर जयंत लोकसभा लड़ते हैं तो उनकी पत्नी को राज्यसभा भेजा जाएगा। चंद्रशेखर के नगीना सीट पर लड़ने की खबर है।