ऐसा नहीं है कि कांग्रेस ने सिर्फ रायबरेली और अमेठी सीटों से उम्मीदवार की घोषणा रोकी है। चौथे से सातवें चरण तक में होने वाले चुनाव की कई सीटों पर घोषणा रूकी है। गौरतलब है कि अभी चौथे चरण के लिए नामांकन का काम चल रहा है और नामांकन दाखिल करने की आखिरी तारीख 25 अप्रैल। इसके अगले दिन 26 अप्रैल से पांचवें चरण के लिए नामांकन शुरू होंगे। सो, चार चरण की कई सीटों के लिए नामों की घोषणा नहीं हुई। इसमें बिहार और हरियाणा की सीटें भी हैं। हरियाणा की तो किसी भी सीट पर उम्मीदवार घोषित नहीं किया गया है। जानकार सूत्रों का कहना है कि भूपेंद्र सिंह हुड्डा बनाम एसआरके यानी शैलजा, रणदीप व किरण चौधरी बनाम संगठन महासचिव बनाम अध्यक्ष कार्यालय की खींचतान में मामला अटका है।
कहीं से संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल की पसंद का उम्मीदवार तय होना है तो कहीं अध्यक्ष कार्यालय की पसंद का। सब मान रहे थे कि रोहतक सीट से दीपेंद्र हुड्डा चुनाव लड़ेंगे लेकिन उनका नाम भी घोषित नहीं हुआ क्योंकि कुमारी शैलजा ने कह दिया कि उनका राज्यसभा का ढाई साल का कार्यकाल बचा है और अगर वे जीत गए तो राज्यसभा चली जाएगी क्योंकि राज्य में भाजपा की सरकार है। उन्होंने कह दिया कि भूपेंद्र सिंह हुड्डा खुद रोहतक से चुनाव लड़ें। इसी तरह हर सीट पर कोई न कोई कहानी है। बिहार की समस्तीपुर सीट पर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और उनके करीबी राज्यसभा सांसद नासिर हुसैन चाहते हैं कि पूर्व आईपीएस अधिकारी बीके रवि चुनाव लड़ें तो प्रदेश कमेटी ने जदयू के मंत्री महेश्वर हजारी के बेटे को पार्टी में शामिल कराया है टिकट देने के लिए। पश्चिमी चंपारण में ब्राह्मण लड़ेगा पर कौन? पूर्व विधायक मदन मोहन तिवारी, पूर्व मुख्यमंत्री केदार पांडेय के पोते शाश्वत केदार, कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता अजय उपाध्याय या पत्रकार रवीश कुमार के भाई ब्रजेश पांडेय?