उत्तर पूर्वी दिल्ली सीट से कांग्रेस के उम्मीदवार कन्हैया कुमार के खिलाफ दुष्प्रचार की बाढ़ आई हुई है। देश की 543 सीटों में से शायद ही कोई दूसरी सीट होगी, जहां उम्मीदवार के खिलाफ इतना झूठा प्रचार किया जा रहा हो। उनकी तस्वीरें वायरल करके कहा जा रहा है कि वे देशद्रोही हैं और जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी छात्र संघ का अध्यक्ष रहते उन्होंने भारत विरोधी नारे लगाए थे। उनकी डफली बजाते एक तस्वीर वायरल करके सोशल मीडिया में दावा किया जा रहा है कि छत्तीसगढ़ में जब नक्सलियों के हमले में सुरक्षा बलों के 50 से ज्यादा जवान शहीद हुए थे तो कन्हैया ने जेएनयू में जश्न मनाया था।
सबको पता है कि जेएनयू में कथित तौर पर देश विरोधी नारे लगाने के लिए वे गिरफ्तारभी हुए थे लेकिन कार्रवाई आगे नहीं बढ़ी। वे अक्सर चुनौती देते हैं कि उनके खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं हो रही है? अमित शाह देश के गृह मंत्री हैं तो वे कार्रवाई क्यों नहीं कराते? पिछले दिनों लद्दाख के भाजपा सांसद की पत्नी ने ‘इंडिया टुडे’ समूह को दिए इंटरव्यू में कहा था कि वे जेएनयू में पढ़ी हैं और घटना के दिन मौके पर मौजूद थीं। वहां कन्हैया ने कोई देश विरोधी नारा नहीं लगाया था। उनके साथ ज्यादती हुई है। इससे कन्हैया के खिलाफ दुष्प्रचार तो नहीं थमा लेकिन पत्नी के इस इंटरव्यू के कारण भाजपा के सांसद की टिकट कट गई। इस बीच चुनाव प्रचार के दौरान एक व्यक्ति ने माला पहनाने नाम पर कन्हैया के नजदीक गया और उनको थप्पड़ मार दिया। अब भाजपा कह रही है कि यह उनकी छवि और विचारधारा के कारण हुआ है। हकीकत यह है कि उनकी ऐसी छवि बनाने का काम भाजपा ने ही किया है।