विपक्षी पार्टियों के गठबंधन ‘इंडिया’ की अगली बैठक मुंबई में 31 अगस्त और एक सितंबर के हो रही है। कांग्रेस, शिव सेना का उद्धव ठाकरे गुट और एनसीपी का शरद पवार गुट इस बैठक की तैयारियों में जुटा है। उद्धव, शरद पवार और अशोक चव्हाण ने तैयारियों को लेकर बैठक की है। अभी तक की जानकारी के हिसाब से कोई नई पार्टी इस बार नहीं जुड़ रही है। ध्यान रहे बेंगलुरू में हुई दूसरी बैठक में 10 से ज्यादा नई पार्टियां शामिल हुई थीं। पटना की पहली बैठक में 17 पार्टियों को बुलाया गया था, जिसमें से 15 पार्टियों के नेता शामिल हुए थे। बेंगलुरू में यह संख्या बढ़ कर 26 हो गई। उसके बाद से अंदाजा लगाया जा रहा था कि विपक्षी गठबंधन की अगली बैठक तक सहयोगी पार्टियों की संख्या में कुछ इजाफा हो सकता है। लेकिन अभी तक किसी नई पार्टी के जुड़ने की खबर नहीं है।
गौरतलब है कि पिछले महीने 18 जुलाई को विपक्षी गठबंधन की बैठक के दिन ही दिल्ली में भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए की बैठक हुई थी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बैठक की अध्यक्षता की थी। उसमें 38 पार्टियों ने हिस्सा लिया था। हालांकि ज्यादातर पार्टियां बहुत छोटी थी और उनके नेताओं की पहचान अपने चुनाव क्षेत्र से बाहर नहीं थी। लेकिन भाजपा ने यह मैसेज बनवाया था कि विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ से बड़ा उसका कुनबा है। बाद में प्रधानमंत्री मोदी एनडीए के सभी घटक दलों के सांसदों से मिले और भाजपा ने सभी घटक दलों के प्रवक्ताओं का प्रशिक्षण भी कराया। तभी कहा जा रहा था कि कांग्रेस और उसके सहयोगी भी कुछ छोटी पार्टियों को जोड़ेंगे। जैसे बिहार से पप्पू यादव की जन अधिकार पार्टी को बुलाए जाने की चर्चा थी। उन्होंने बेंगलूरू में नहीं बुलाए जाने पर नाराजगी भी जताई थी। लेकिन लगता है कि उनके बारे में कोई फैसला नहीं हुआ है। पूर्वोत्तर से भी कोई पार्टी नहीं जुड़ रही है। उत्तर प्रदेश की कई छोटी पार्टियां पिछले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के साथ लडी थीं लेकिन इस बार सब भाजपा से तालमेल की संभावना देख रहे हैं। तभी कहा जा रहा है मुंबई में विपक्षी पार्टियों की बैठक में 26 पार्टियां हिस्सा लेंगी, जिनके करीब 80 नेता बैठक में शामिल होंगे। पांच राज्यों के मुख्यमंत्री भी शामिल होंगे, जिनमें दो मुख्यमंत्री आम आदमी पार्टी के होंगे। उनके अलावा पश्चिम बंगाल की ममता बनर्जी, तमिलनाडु के एमके स्टालिन और झारखंड के हेमंत सोरेन शामिल होंगे।