समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव कमाल कर रहे हैं। वे विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ में शामिल हैं लेकिन कांग्रेस पार्टी के साथ उत्तर प्रदेश में चुनावी तालमेल की बात नहीं कर रहे हैं। कांग्रेस भी उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी की बजाय बहुजन समाज पार्टी के साथ तालमेल के प्रयास में लगी है। हालांकि एक अक्टूबर को बसपा प्रमुख मायावती ने फिर से ऐलान किया कि भाजपा के नेतृत्व वाले गठबंधन एनडीए और विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ दोनों से समान दूरी रखेंगी। बहरहाल, सपा को उत्तर प्रदेश की चिंता नहीं दिख रही है, बल्कि मध्य प्रदेश में चुनाव की दिख रही है।
सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने नोएडा में एक कार्यक्रम में कहा कि वे चाहते हैं कि मध्य प्रदेश में कांग्रेस और समाजवादी पार्टी मिल कर चुनाव लड़ें। सोचें, उनकी पार्टी ने पहले ही मध्य प्रदेश के लिए छह उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है और अब वे तालमेल की बात कर रहे हैं! एकतरफा छह उम्मीदवारों की घोषणा के बाद कांग्रेस से कैसे तालमेल की बात हो सकती है? कांग्रेस के जानकार सूत्रों का कहना है कि पार्टी उनके लिए उत्तर प्रदेश की सीमा से लगते इलाकों में दो-तीन सीट से ज्यादा नहीं छोड़ सकती है। इसका मतलब है कि अगर तालमेल होता है तो अखिलेश यादव को अपने घोषित उम्मीदवारों के नाम वापस लेने होंगे। एक तरफ प्रदेश कांग्रेस के नेता हैं, जिनको लग रहा है कि उनको किसी की मदद की जरूरत नहीं है तो दूसरी ओर समाजवादी पार्टी के नेता हैं, जिनको लग रहा है कि यह सही समय है कि कांग्रेस से कुछ सीटें ले ली जाएं। दोनों तरफ की इस सोच में यह देखना दिलचस्प होगा कि कैसे तालमेल होता है।