मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और राज्य के चुनाव में कांग्रेस के मुख्य रणनीतिकार व प्रचारक दिग्विजय सिंह कर्नाटक गए थे। वहां हुबली में उन्होंने कई बातें कही हैं, जिनका मध्य प्रदेश की राजनीति में मतलब निकाला जा रहा है। उन्होंने हिंदू राष्ट्र के सिद्धांत को सिरे से खारिज कर दिया, जबकि मध्य प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष और अगले चुनाव में सीएम पद के दावेदार कमलनाथ ने पिछले दिनों बागेश्वर धाम के धीरेंद्र शास्त्री के हिंदू राष्ट्र की बात का एक तरह से समर्थन किया था और कहा था कि भारत में 82 फीसदी हिंदू हैं तो अब हिंदू राष्ट्र दूसरा क्या होता है। दिग्विजय के इस सिद्धांत को खारिज करने के बाद प्रदेश भाजपा ने दावा किया कि कांग्रेस के अंदर एकजुटता नहीं है।
हालांकि हिंदू राष्ट्र को दिग्विजय ने खारिज किया लेकिन हैरान करने वाला बयान यह दिया कि बजरंग दल में भी अच्छे लोग हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस की सरकार बनी तो वह बजरंग दल पर पाबंदी नहीं लगाएगी क्योंकि उसमें भी अच्छे लोग हैं। याद करें इसी तरह की बात ममता बनर्जी ने पश्चिम बंगाल में कही थी। उन्होंने भाजपा के आक्रामक हिंदुत्व के अभियान का जवाब देते हुए कहा था कि राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ में भी अच्छे लोग हैं। चुनाव में उनको निश्चित रूप से इसका कुछ फायदा मिला। सो, ऐसा लग रहा है कि दिग्विजय ने हिंदुवादी सोच के लोगों को एक मैसेज दिया है। उन्होंने एक तरह से आरएसएस और विश्व हिंदू परिषद के एक खेमे पर डोरे डाले हैं। जहां तक बजरंग दल पर पाबंदी लगाने की बात है तो वह कर्नाटक में भी कांग्रेस सरकार ने नहीं लगाया है। अब कांग्रेस की लाइन है कि अगर यह संगठन कानून के खिलाफ काम करता है तो पाबंदी लगाएंगे।