अब सबकी नजर विमानन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया पर है। भाजपा ने मध्य प्रदेश में तीन केंद्रीय मंत्रियों- नरेंद्र सिंह तोमर, प्रहलाद पटेल और फग्गन सिंह कुलस्ते को टिकट दिया है। इनमें से तोमर और पटेल को मुख्यमंत्री पद का दावेदार माना जा रहा है। अगर भाजपा सवर्ण नेता को सीएम बनाने का फैसला करती है तो तोमर दावेदार हैं और शिवराज सिंह चौहान की जगह ओबीसी नेता के तौर पर प्रहलाद पटेल का नाम है। तभी सवाल है कि क्या भाजपा ज्योतिरादित्य सिंधिया को भी टिकट देगी? यह सवाल इसलिए है क्योंकि हाल के दिन तक कहा जा रहा था कि भाजपा का केंद्रीय नेतृत्व शिवराज सिंह चौहान का इस्तीफा कराना चाहता है और उनकी जगह सिंधिया को मुख्यमंत्री बनाने की तैयारी है।
सिंधिया ने इसके लिए बड़ी मेहनत भी की थी। लेकिन लगता है कि यह मौका निकल गया। अब अगले चुनाव के बाद का इंतजार है। सिंधिया और उनके समर्थक मान रहे हैं कि अगली बार भाजपा जीती तो वे मुख्यमंत्री होंगे। लेकिन मुश्किल यह है कि भाजपा ने दो बार में मध्य प्रदेश की 78 सीटों के लिए उम्मीदवारों की घोषणा कर दी लेकिन इन दोनों सूची में सिंधिया को जगह नहीं मिली। सिंधिया के अलावा जो दो केंद्रीय मंत्री मुख्यमंत्री पद के दावेदार माने जा रहे थे उन दोनों को विधानसभा चुनाव में उतार दिया गया है। यह किसी को समझ में नहीं आ रहा है सिंधिया को क्यों नहीं विधानसभा चुनाव लड़ने को कहा गया। क्या सिंधिया खुद लड़ने की बजाय बेटे को लड़ाना चाहते हैं? ध्यान रहे पिछले दिनों उनके बेटे महाआर्यमन सिंधिया अचानक सक्रिय हो गए हैं। सो, भाजपा की तीसरी सूची पर नजर रखने की जरूरत है।