अलवर लोकसभा सीट के भाजपा सांसद मंहत बालकनाथ को विधानसभा चुनाव में उतारने के बाद से इस बात की चर्चा हो रही है क्या राजस्थान में उत्तर प्रदेश का प्रयोग दोहराया जा सकता है? भाजपा ने जिस तरह उत्तर प्रदेश में भगवा पहनने वाले और गोरखपुर की गोरक्षा पीठ के महंत योगी आदित्यनाथ को देश के सबसे बड़े राज्य का मुख्यमंत्री बनाया उसी तरह क्या महंत बालकनाथ को राजस्थान का मुख्यमंत्री बनाया जा सकता है? बालकनाथ नाथ संप्रदाय के आठवें महंत हैं। महंत चांदनाथ ने 2016 में एक बड़े आयोजन में महंत बालकनाथ को अपना उत्तराधिकारी बनाया था। उस कार्यक्रम में योगी आदित्यनाथ भी शामिल हुए थे। तब वे मुख्यमंत्री नहीं बने थे। योगगुरू रामदेव भी उस कार्यक्रम में शामिल हुए थे।
बताया जा रहा है कि महंत बालकनाथ को चुनाव मैदान में उतार कर भाजपा ने बहुत सावधानी से हिंदू मतदाताओं में यह मैसेज बनवाया है कि उनको भी मुख्यमंत्री बनाया जा सकता है। वे लगातार हिंदू मतदाताओं के ध्रुवीकरण कराने वाले बयान भी दे रहे हैं। उनके साथ एक खास बात यह भी है कि वे पिछड़ी जाति से आते हैं। तो विपक्षी गठबंधन की जाति राजनीति के जवाब में भाजपा महंत बालकनाथ का चेहरा आगे कर सकती है। नाथ संप्रदाय के महंत हैं और पिछड़ी जाति से आते हैं। उनसे हिंदुत्व और ओबीसी दोनों का नैरेटिव साधने में मदद मिलेगी। वे अपने लोकसभा के तहत आने वाली तिजारा विधानसभा सीट से चुनाव लड़ रहे हैं। ध्यान रहे पिछड़ी जाति की हिंदुवादी नेता साध्वी उमा भारती को मुख्यमंत्री बनाने का फायदा भाजपा को मध्य प्रदेश में अभी तक मिल रहा है।