Naya India-Hindi News, Latest Hindi News, Breaking News, Hindi Samachar

बिहार, झारखंड में उलझ सकता है मामला

राज्यसभा में सबसे दिलचस्प स्थिति बिहार और झारखंड में बनेगी, जहां कांग्रेस की एक-एक सीटें हैं। लेकिन सहयोगी पार्टियां अगर साथ नहीं देती हैं तो कांग्रेस को नुकसान होगा। बिहार में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अखिलेश प्रसाद सिंह राज्यसभा सांसद हैं। छह साल पहले जब वे जीते थे तो राज्य की विधानसभा में कांग्रेस के 27 विधायक थे। अभी कांग्रेस के 19 विधायक हैं, जबकि एक सीट जीतने के लिए 37 वोट की जरुरत है। अखिलेश प्रसाद सिंह तभी चुनाव जीत सकते हैं, जब वे गठबंधन के उम्मीदवार हों और नीतीश कुमार अपने बची हुई नौ वोट उनको ट्रांसफर करें और लेफ्ट पार्टियों के 16 वोट उनको मिलें। ध्यान रहे नीतीश के दो सांसद रिटायर हो रहे हैं। अगर वे दो सीटों पर अड़े तो कांग्रेस के लिए मुश्किल होगी। भाजपा और राजद की दो-दो सीटें पक्की हैं। जदयू की भी एक सीट पक्की है।

उधर झारखंड में कांग्रेस के सांसद धीरज प्रसाद साहू रिटायर हो रहे हैं। शराब कारोबारी धीरज साहू के यहां पिछले दिनों ईडी का छापा पड़ा था और 530 करोड़ रुपए से ज्यादा की नकदी बरामद हुई थी। कांग्रेस भले उनको उम्मीदवार नहीं बनाए लेकिन इस सीट पर उसका दावा है। दो बार से जेएमएम अपने नेताओं को राज्यसभा भेज रही है। इस बार कांग्रेस की बारी है। लेकिन गांडेय के विधायक सरफराज अहमद का इस्तीफा कराने के बाद मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने उनको राज्यसभा में भेजने का वादा किया है। वे पुराने कांग्रेसी हैं और मुस्लिम हैं। यह सोच कर ही हेमंत ने अपनी पत्नी कल्पना सोरेन के चुनाव लड़ने के लिए उनकी सीट खाली कराई क्योंकि उनको पता है कि मुस्लिम उम्मीदवार को कांग्रेस मना नहीं कर पाएगी। लेकिन दूसरी ओर कांग्रेस भी इस बार दावा छोड़ने को तैयार नहीं है। अगर मुस्लिम नेता की बात आएगी तो कांग्रेस भी किसी मुस्लिम को उम्मीदवार बना सकती है। फुरकान अंसारी हों या हाल ही में प्रभारी बनाए गए गुलाम अहमद मीर हों।

Exit mobile version