भाजपा के नेता और केंद्र सरकार के मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया को लेकर सस्पेंस बढ़ गया है। अभी तक राज्य के तीन केंद्रीय मंत्रियों को विधानसभा की टिकट मिल गई है लेकिन सिंधिया के नाम की घोषणा नहीं हुई है। इस बीच उनके लिए लोकसभा सीट खाली कराने का प्रयास भी सिरे नहीं चढ़ता दिख रहा है। उनकी करीबी नेता और राज्य सरकार की मंत्री इमरती देवी ने कुछ दिन पहले कहा था कि पिछले लोकसभा चुनाव में गुना सीट पर सिंधिया को हराने वाले भाजपा नेता केपी यादव को इस बार टिकट नहीं मिलेगी। बताया जा रहा है कि पार्टी की ओर से केपी यादव को विधानसभा चुनाव लड़ने का प्रस्ताव दिया गया है, जिससे वे इनकार कर रहे हैं। उनको शिवपुरी जिले की किसी सीट से लड़ने का प्रस्ताव मिला है। लेकिन वे लोकसभा सीट खाली करने को तैयार नहीं हैं।
अगर केपी यादव अड़े रहते हैं तो गुना की लोकसभा सीट खाली नहीं होगी। तब अगर भाजपा को सिंधिया को लोकसभा चुनाव लड़ाना होगा तो केपी यादव की टिकट काटनी होगी या नई सीट खोजनी होगी। टिकट कटने पर केपी यादव कांग्रेस से लड़ सकते हैं। इस बीच सिंधिया के विधानसभा चुनाव लड़ने की चर्चा भी तेज हो गई है। शिवपुरी सीट की विधायक उनकी बुआ यशोधरा राजे ने चुनाव नहीं लड़ने का ऐलान कर दिया है। उस सीट से सिंधिया लड़ सकते हैं या अपने बेटे को लड़ा सकते हैं। लेकिन अभी तक पार्टी की ओर से कोई संकेत नहीं दिया जा रहा है। बताया जा रहा है कि श्राद्ध खत्म होने और नवरात्र शुरू होने के बाद बाकी टिकटों की घोषणा होगी तब सस्पेंस खत्म होगा।