पिछले कुछ समय से भारतीय जनता पार्टी ने तेलंगाना के बारे में सोचना बंद कर दिया था। कोई छह महीने पहले भाजपा तेलंगाना में बेहद सक्रिय थी और लग रहा था कि राज्य का चुनाव भारत राष्ट्र समिति बनाम भाजपा होगा और कांग्रेस तीसरे नंबर की पार्टी रहेगी। लेकिन अचानक तस्वीर बदल गई। कर्नाटक में जीतने के बाद कांग्रेस मुख्य मुकाबले में आ गई और भाजपा ने अपने को पीछे कर लिया। माना गया कि एक रणनीति के तहत भाजपा राज्य के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव को मजबूती दे रही है ताकि वे कांग्रेस को हरा दें। बदले में राव महाराष्ट्र में राजनीति करके कांग्रेस और एनसीपी को कमजोर कर रहे हैं।
लेकिन अब फिर से भाजपा तेलंगाना में सक्रिय हो रही है। बताया जा रहा है कि पार्टी ने अपने सभी दिग्गज नेताओं को चुनाव लड़ने के लिए तैयार रहने को कहा है। जानकार सूत्रों के मुताबिक राज्य के सभी चारों सांसदों को भी चुनाव लड़ने के लिए तैयार रहने को कहा गया है। सांसदों को लड़ा कर भाजपा यह मैसेज बनवाना चाह रही है कि वह लड़ाई को लेकर कितनी गंभीर है। यह भी कहा जा रहा है कि मुख्यमंत्री चंद्रशेखर राव से अंदरखाने समझौता हो जाने की खबरों का असर कम करने के लिए भाजपा मुख्यमंत्री के परिवार को घेरेगी। मुख्यमंत्री के बेटे केटी रामाराव के खिलाफ करीमनगर सीट पर पार्टी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और हाल ही में राष्ट्रीय महामंत्री बनाए गए संजय कुमार चुनाव लड़ सकते हैं। इसी तरह यह भी कहा जा रहा है कि अगर मुख्यमंत्री की बेटी के कविता चुनाव लड़ती हैं तो उनके खिलाफ एक दूसरे सांसद डी अरविंद कुमार को लड़ाया जा सकता है।