तेलंगाना का विधानसभा चुनाव दिलचस्प होता जा रहा है। कांग्रेस पार्टी सिर्फ इस नाम पर वोट नहीं मांग रही है कि उसने आंध्र प्रदेश का बंटवारा करके अलग तेलंगाना राज्य बनाया, बल्कि एकीकृत आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे वाईएसआर रेड्डी के नाम और काम पर भी वोट मांगेगी। ध्यान रहे आंध्र प्रदेश में कांग्रेस 2004 और 2009 के चुनाव में वाईएसआर कांग्रेस के नेतृत्व में जीती थी। दोनों चुनावों में कांग्रेस को प्रचंड जीत मिली थी और साथ ही लोकसभा में भारी जीत मिली थी। केंद्र में दोनों बार कांग्रेस की सरकार बनवाने में आंध्र प्रदेश का अहम योगदान था। दूसरा कार्यकाल शुरू होने के थोड़े समय बाद ही वाईएसआर रेड्डी का हेलीकॉप्टर दुर्घटना में निधन हो गया और उसके बाद से वहां कांग्रेस का पतन शुरू हो गया।
अब कांग्रेस उनके कामकाज को लेकर वोट मांगने जा रही है। वाईएसआर के कामकाज के आधार पर वोट मांगने का दो फायदा कांग्रेस नेताओं को दिख रहा है। पहला फायदा तो यह है कि इस नए राज्य में किए गए हर काम का श्रेय के चंद्रशेखर राव को लेने से रोका जा सकता है। अभी ऐसा लगता है कि हर काम राज्य के पहले मुख्यमंत्री चंद्रशेखर राव ने किया है, जबकि कई योजनाएं वाईएसआर के समय की चल रही हैं। दूसरा फायदा यह होगा कि वाईएसआर रेड्डी की बेटी वाईएस शर्मिला की पार्टी के साथ तालमेल करने पर गठबंधन को ज्यादा फायदा होगा। तभी पिछले दिनों कांग्रेस ने दिवंगत वाईएसआर कांग्रेस की फोटो के साथ सेल्फी लेकर उसका प्रचार कर रही है। इसका एक अभियान चलाया जा रहा है, जिसके तहत कांग्रेस के नेता वाईएसआर की तस्वीर के साथ सेल्फी लेकर उसे सोशल मीडिया में डालेंगे। साथ ही उनके कामकाज का प्रचार करेंगे।