यह अनोखा मामला है और भारत में शायद पहली बार हो रहा है कि देश की वित्त मंत्री के खिलाफ अपने ही देश में कारोबारियों से अवैध वसूली के आरोप में मुकदमा दर्ज हो रहा है। बेंगलुरू की पीपुल्स रिप्रजेंटेटिव कोर्ट ने एक गैर सरकारी संगठन की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई करने के बाद बेंगलुरू के तिलक नगर पुलिस थाने को केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के खिलाफ अवैध वसूली के मामले में एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया। हो सकता है कि ऊपर की अदालत में इस पर रोक लग जाए और मामला रफा दफा हो जाए। लेकिन यह बहुत बड़ा मामला है और सरकार की साख और इकबाल पर सवाल खड़े करने वाला है। यह मामला चुनावी बॉन्ड्स के जरिए कारोबारियों से पैसे लेने से जुड़ा है।
यह जरूर है कि चुनावी बॉन्ड की योजना को सुप्रीम कोर्ट ने असंवैधानिक घोषित कर दिया है लेकिन इसका भूत भाजपा और उसकी सरकार का पीछा नहीं छोड़ रहा है। गैर सरकारी संगठन जन अधिकार संघर्ष परिषद ने एक याचिका दायर कर सरकारी आंकड़ों के आधार पर आरोप लगाया था कि अनिल अग्रवाल की कंपनी से 230 करोड़ और अरबिंदो फार्मा से 49 करोड़ रुपए चुनावी बॉन्ड के रूप में वसूले गए थे। अदालत ने इस मामले में मेरिट देख कर मुकदमा दर्ज करने को कहा है। अगर एक मामला आगे बढ़ता है तो ऐसे कई मामले आएंगे। ध्यान रहे कांग्रेस पार्टी पहले ही कहती रही है कि चुनावी बॉन्ड्स के जरिए जिन लोगों ने पैसे दिए उनकी जांच होनी चाहिए कि चंदा देने से पहले या बाद में उनको कितना ठेका मिला या केंद्रीय एजेंसियों की जांच से कितनी राहत मिली। यह विवाद तूल पकड़ सकता है।