आम आदमी पार्टी के नेता भले हिम्मत दिखा रहे हैं और एजेंसियों के प्रति हिकारत का भाव दिखाते हुए कह रहे हैं कि अरविंद केजरीवाल को गिरफ्तार किया गया तो तिहाड़ जेल से सरकार चलेगी। लेकिन असल में अगर केजरीवाल गिरफ्तार होते हैं तो पार्टी के लिए बहुत मुश्किल होगी। सरकार तो जेल में से चल सकती है लेकिन जेल से पार्टी नहीं चल सकती है। सरकार चलाने के लिए कई मंत्री हैं, जिनके पास एक-एक दर्जन मंत्रालय हैं। आतिशी, सौरभ भारद्वाज, कैलाश गहलोत आदि के पास अनेक मंत्रालय हैं और वे सरकार चला सकते हैं। लेकिन बड़ा सवाल है कि पार्टी कैसे चलेगी? पार्टी चलाने के लिए केजरीवाल का बाहर रहना जरूरी है। वे पार्टी के इकलौते नेता हैं। उन्होंने राजनीतिक पृष्ठभूमि वाले सभी नेताओं को पार्टी से बाहर कर दिया है। ले-देकर एक राजनीतिक व्यक्ति संजय सिंह बचे थे तो वे भी जेल में हैं।
दूसरा सवाल यह है कि केजरीवाल गिरफ्तार हुए तो क्या वे मुख्यमंत्री बने रहेंगे? उन्होंने सत्येंद्र जैन को गिरफ्तारी के बाद भी काफी समय तय मंत्री बनाए रखा था। लेकिन क्या मुख्यमंत्री के मामले में भी ऐसा हो सकता है? अभी तक कोई मुख्यमंत्री गिरफ्तार नहीं हुआ है इसलिए किसी को अंदाजा नहीं है क्या होगा। बिहार के मुख्यमंत्री रहे लालू प्रसाद ने भी गिरफ्तारी से पहले इस्तीफा दे दिया था और अपनी पत्नी राबड़ी देवी को मुख्यमंत्री बना दिया था। क्या उसी तरह केजरीवाल भी अपनी पत्नी सुनीता केजरीवाल को मुख्यमंत्री बनाएंगे? केजरीवाल जिस किस्म की सोच वाले नेता हैं वे किसी और पर शायद ही भरोसा करें। उन्हीं की तरह उनकी पत्नी बिना कोई विभाग लिए मुख्यमंत्री रह सकती हैं। वे भी भारतीय राजस्व सेवा की अधिकारी रही हैं और अब स्वैच्छिक रिटायरमेंट ले चुकी हैं। यह भी कमाल की बात है कि झारखंड में भी जब से मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के गिरफ्तार होने की चर्चा चल रही है तभी से यह भी चर्चा है कि वे अपनी पत्नी कल्पना सोरेन के मुख्यमंत्री बना सकते हैं। बिहार में भी यह चर्चा हो रही है कि अगर तेजस्वी यादव गिरफ्तार होते हैं तो वे अपनी पत्नी राजश्री यादव को उप मुख्यमंत्री बनवाएंगे।