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कांग्रेस का अति आत्मविश्वास भारी न पड़ जाए

कांग्रेस का अति आत्मविश्वास भारी न पड़ जाए

कांग्रेस पार्टी अति आत्मविश्वास में है। राहुल गांधी बार बार कह रहे हैं कि कांग्रेस पांचों राज्यों में जीतेगी। चुनाव पूर्व सर्वेक्षणों ने भी हर जगह कांग्रेस की स्थिति मजबूत बताई है। राजस्थान में हर पांच साल पर राज बदलने का रिवाज है। वहां के नतीजों को लेकर चुनाव पूर्व सर्वेक्षणों में जरूर कहा जा रहा भाजपा अच्छे अंतर से जीतेगी लेकिन यह भी कहा जा रहा है कि कांग्रेस का प्रदर्शन पहले ही तरह खराब नहीं होगा। यानी कांग्रेस अच्छी टक्कर देगी। मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ दोनों जगह कांग्रेस की बढ़त बताई जा रही है और तेलंगाना व मिजोरम में त्रिशंकु विधानसभा बनने का अनुमान जाहिर किया गया है।

ध्यान रहे इन दोनों राज्यों में पिछले चुनाव में कांग्रेस बहुत पीछे थे। तेलंगाना में वह सिर्फ 19 सीट जीत पाई थी, जबकि मिजोरम में उसे पांच सीटें मिली थीं। इस बार दोनों राज्यों में कांग्रेस की स्थिति बहुत अच्छी रहने का अनुमान लगाया गया है। चुनावी सर्वेक्षणों में मिजोरम में कांग्रेस दो अंकों में पहुंचेगी और तेलंगाना में 50 सीट जीत सकती है। वहां बहुमत का आंकड़ा 59 सीट का है। तभी कांग्रेस के नेता अति आत्मविश्वास में हैं। उन्होंने इस आत्मविश्वास की वजह से सभी सहयोगी पार्टियों को ठेंगा दिखाया। राजस्थान में रालोद के लिए एक सीट छोड़ी तो तेलंगाना में सिर्फ सीपीआई के साथ तालमेल किया। जाति गणना और मुफ्त की चीजों की गारंटी से भी कांग्रेस का भरोसा बहुत बढ़ा है। इस वजह से राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा का बहुत सघन प्रचार नहीं दिख रहा है। राहुल, प्रियंका के अलावा राष्ट्रीय नेताओं में सिर्फ मल्लिकार्जुन खड़गे प्रचार करते दिख रहे हैं। दूसरी ओर भाजपा सारे दांव आजमा रही है। छत्तीसगढ़ में पहले चरण के मतदान से पहले मुख्यमंत्री भूपेश बघेल जिस तरह से घिरे हैं वह इसका संकेत है।

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