हरियाणा की सिरसा विधानसभा सीट के विधायक गोपाल कांडा ने 11 साल पहले मंत्री पद गंवाया था। उनकी एमडीएलआर एयरलाइंस में एयरहोस्टेस रही गीतिका शर्मा की खुदकुशी के बाद उन पर मुकदमा हुआ, उनको मंत्री पद छोड़ना पड़ा, वे जेल भी गए लेकिन अब इस मामले में दिल्ली की राउज एवेन्यू अदालत ने उनको बरी कर दिया है। बरी के बाद उन्होंने पहला राजनीतिक काम यह किया कि दिल्ली के हरियाणा भवन में मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर से मुलाकात की। इसके बाद इस बात का कयास लगाए जा रहे हैं कि भारतीय जनता पार्टी उनको हरियाणा सरकार में मंत्री बना सकती है। उनको मंत्री बनाने में भाजपा कई फायदे देख रही है और तभी पिछले कुछ समय से पार्टी के बड़े नेता उनके संपर्क में थे।
ध्यान रहे कुछ समय पहले ही भाजपा के हरियाणा प्रभारी बिप्लब देब उनसे मिले थे। उन्होंने सभी पांच निर्दलीय विधायकों से भी मुलाकात की थी और पार्टी की सहयोगी जननायक जनता पार्टी को यह संदेश दिया था कि भाजपा उसके भरोसे सरकार नहीं चला रही है। जजपा नेताओं के ऊपर दबाव बनाए रखने के लिए गोपाल कांडा एक जरूरी कार्ड हैं। दूसरे वे सिरसा क्षेत्र से आते हैं, जो चौटाला परिवार का पारंपरिक गढ़ है। वहां उनको साथ लेने से गैर जाट मतदाताओं को एकजुट करने में भाजपा को मदद मिलेगी। बताया जा रहा है कि कई लोकसभा सीटों को लेकर जजपा के साथ भाजपा का संतुलन नहीं बन रहा है। इसलिए लोकसभा चुनाव से पहले भाजपा बिना जजपा के सरकार के बहुमत को मजबूत करने में जुटी है। ताकि अगर दुष्यंत चौटाला किसी समय सरकार से अलग हों तो सरकार पर कोई फर्क नहीं पड़े। जजपा के अलग होने से भाजपा गैर जाट ध्रुवीकरण होने की संभावना भी देख रही है।