हर साल जब भी भारत के नेता संयुक्त राष्ट्र महासभा की बैठक में हिस्सा लेने के लिए न्यूयॉर्क जाते हैं तो सबकी नजर इस बात पर रहती है कि पाकिस्तान के ऊपर किस तरह से हमला होता है या चीन का जिक्र होता है या नहीं। हर पाकिस्तान के नेता भारत को निशाना बनाते हैं। कश्मीर का जिक्र करते हैं और वहां मानवाधिकार व धार्मिक आजादी के राग छेड़ते हैं। वे तो इस बार भी अपनी उसी लाइन पर रहे। उनके प्रतिनिधि ने इस बार भी कश्मीर का मुद्दा उठाया, जिसका जवाब संयुक्त राष्ट्र संघ में भारत की फर्स्ट सेक्रेटरी ने दिया। ध्यान रहे संयुक्त राष्ट्र में हर राष्ट्र के पास राइट टू रिस्पांड यानी जवाब देने का अधिकार होता है। पाकिस्तान की बात पर भारत के अधिकारी जवाब देते हैं और भारत की बात पर पाकिस्तान के अधिकारी।
इस बार भी भारत की अधिकारी ने तो जवाब दिया पर पाकिस्तान के अधिकारी को जवाब देने की जरूरत नहीं पड़ी क्योंकि भारत के प्रतिनिधि यानी विदेश मंत्री एस जयशंकर ने इस बार पाकिस्तान की बजाय कनाडा पर निशाना साधा। खालिस्तानी अलगाववादियों के लेकर भारत और कनाडा के बीच चल रही कूटनीतिक जंग का मुद्दा उनके भाषण मे छाया रहा। उन्होंने कनाडा को नसीहत दी कि राजनीतिक मकसद के लिए आतंकवाद का इस्तेमाल नहीं होना चाहिए। उन्होंने कहा कि क्षेत्रीय अखंडता के प्रति सम्मान और अंदरूनी मामलों में हस्तक्षेप की कवायद चुनिंदा तरीके से नहीं की जा सकती। गौरतलब है कि कुछ दिन पहले कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने भारत पर आरोप लगाया था कि उसके एजेंटों ने कनाडा की धरती पर खालिस्तानी आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या की थी। उसके बाद से दोनों देशों में कूटनीतिक जंग चल रही है। बहरहाल, जयशंकर के भाषण से यह साबित हुआ कि भारत के लिए कनाडा अब नया पाकिस्तान बन गया है।