जब से चीन ने अपने आधिकारिक नक्शे में अरुणाचल प्रदेश और अक्साई चिन को अपना हिस्सा बताया है तब से दो सवाल उठ रहे हैं। पहला तो यह कि भारत तीखे शब्दों में या उसी के अंदाज में उसको जवाब क्यों नहीं दे रहा है और दूसरा यह कि भारत किस तरह से जवाब दे कि चीन बिलबिला जाए। पहले सवाल के जवाब में भाजपा के नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री सुब्रह्मण्यम स्वामी बहुत खतरनाक बातें कह रहे हैं। उन्होंने ट्विट करके कहा कि चीन के पास मोदी को शर्मिंदा करने वाला कोई वीडियो है। उनका कहना है कि गुजरात के मुख्यमंत्री के तौर पर मोदी चीन के दौरे के समय की कोई वीडियो चीन के पास है या मोदी पूरी तरह से हिम्मत हार चुके हैं। भाजपा की ओर से किसी ने उनको जवाब नहीं दिया है।
दूसरे सवाल का जवाब यह है कि भारत बड़ी आसानी से चीन को उसी की भाषा में जवाब दे सकता है। भारत एक नक्शा जारी कर सकता है, जिसमें वह तिब्बत को विवादित क्षेत्र दिखा सकता है। ध्यान रहे आजादी के बाद भारत की सीमा तिब्बत से मिलती थी। तिब्बत भारत का पड़ोसी था। मैकमोहन रेखा भारत और तिब्बत को अलग करती थी। भारत अगर अभी इस तरह का नक्शा जारी कर दे, जिसमें तिब्बत पड़ोसी हो या तिब्बत विवादित क्षेत्र हो तो चीन बिलबिला जाएगा। इसके अलावा दूसरा तरीका यह है कि भारत आध्यात्मिक गुरू दलाई लामा को भारत रत्न से सम्मानित करे। लगता नहीं है कि भारत ऐसी हिम्मत दिखा पाएगा।