मनीष सिसोदिया, सत्येंद्र जैन और अब संजय सिंह की गिरफ्तारी के बाद आम आदमी पार्टी के नेता डरे हुए हैं। सबको गिरफ्तारी की चिंता सता रही है। तभी दिल्ली के राजनीतिक सर्किल में यह बात पूछा जा रहा है कि अब किसकी बारी है? क्या केंद्र सरकार की एजेंसियां मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के खिलाफ कार्रवाई करेंगी? संजय सिंह की गिरफ्तारी के बाद भाजपा ने आप कार्यालय के बाहर प्रदर्शन किया और नारा लगाया कि केजरीवाल के लिए भी हथकड़ी पहुंचने वाली है। असल में शराब घोटाले में पार्टी के कई नेताओं के नाम आ रहे हैं या लाए जा रहे हैं। वाईएसआर कांग्रेस के एक सांसद के रिश्तेदार के साथ साथ एक कारोबारी दिनेश अरोड़ा सरकारी गवाह बन गए हैं। उसके बाद ही आप के नेताओं की चिंता बढ़ी है।
संजय सिंह की गिरफ्तारी का एक कारण यह बताया जा रहा है कि उन्होंने दिनेश अरोड़ा को अरविंद केजरीवाल से मिलवाया था और पार्टी के लिए 82 लाख रुपए का चंदा वसूला था। जब मिलवाने वाले व्यक्ति को ईडी ने गिरफ्तार कर लिया तो सोचा जा सकता है कि मिलने वाली यानी केजरीवाल के लिए कितनी मुश्किल हो सकती है। हालांकि यह सबको पता है कि उन्होंने किसी फाइल पर दस्तखत नहीं किया होगा। लेकिन अगर शराब नीति में बदलाव करने के बदले पार्टी को पैसे मिलने का कोई सबूत मिलता है तो निश्चित रूप से पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक के नाते केजरीवाल मुश्किल में आएंगे। ईडी के एक आरोपपत्र में आप के सांसद राघव चड्ढा का भी नाम है। हालांकि वे आरोपी नहीं बनाए गए हैं लेकिन एजेंसियों को किसी को आरोपी बनाने में कितना समय लगता है! तभी आम आदमी पार्टी में चिंता बढ़ी है और पार्टी के नेता इस मुश्किल को मौके में बदलने के प्रयास में लगे हैं।