कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा की राजनीति आगे क्या होगी, इसका फैसला परिवार को करना है। वैसे कायदे से फैसला कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे का होगा लेकिन फैसला वही होगा, जो सोनिया व राहुल गांधी मिल कर करेंगे। उसमें प्रियंका और उनके पति रॉबर्ट वाड्रा की राय भी अहम है। एक चीज तो तय मानी जा रही है कि प्रियंका गांधी वाड्रा लोकसभा का चुनाव लड़ेंगी। वे अमेठी से लड़ेंगी या राय बरेली से यह भी परिवार को तय करना है। वाराणसी से उनके लड़ने की बात, जो लोग कर रहे हैं उनको पता नहीं है कि परिवार क्या सोच रहा है। इस बात की संभावना बहुत कम है कि वे वाराणसी लड़ने जाएंगी। अगर वे जाती हैं तो यह बहुत बड़ा कदम होगा।
इसी तरह उनको कांग्रेस संगठन में क्या भूमिका मिलनी है इसका फैसला परिवार करेगा। वे कांग्रेस की संगठन महासचिव बन सकती हैं। बतौर महासचिव उन्होंने उत्तर प्रदेश के प्रभारी के तौर पर काम किया लेकिन अब वे पूरे देश की राजनीति करेंगी। ध्यान रहे सोनिया और राहुल दोनों कांग्रेस अध्यक्ष रहे हैं लेकिन संगठन में अभी उनके पास कोई जिम्मेदारी नहीं है। कांग्रेस अध्यक्ष रहने के नाते दोनों कार्य समिति के पदेन सदस्य हैं। प्रियंका संगठन महासचिव के तौर पर काम शुरू करती हैं तो एक तरह से पूरा संगठन उनके नियंत्रण में आ जाएगा। तभी राहुल गांधी के करीबी नेता इस विचार से सहमत नहीं हैं। सो, कांग्रेस संगठन में प्रियंका की भूमिका का मामला दिलचस्प हो गया है।