संविधान के मुताबिक भारत एक धर्मनिरपेक्ष राज्य है। कहने को यह कहा जा सकता है कि संविधान की प्रस्तावना में धर्मनिरपेक्ष शब्द पहले नहीं था। इसे संविधान सभा ने शामिल नहीं किया था। लेकिन इसे भले इंदिरा गांधी ने शामिल कराया लेकिन यह संविधान का हिस्सा है। जब यह संविधान का हिस्सा नहीं था तब भी भारत एक धर्मनिरपेक्ष राज्य था। भारत में जिस तरह से राष्ट्रीय पशु, राष्ट्रीय पक्षी या दूसरे राष्ट्रीय चिन्ह हैं उस तरह से राष्ट्रीय धर्म का सिद्धांत कभी नहीं रहा। यह वास्तविकता है कि भारत में कोई राष्ट्रीय धर्म नहीं है।
इसके बावजूद संवैधानिक पद पर बैठे उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि भारत का सनातन धर्म भारत का राष्ट्रीय धर्म है। उन्होंने यह भी कहा कि इसके शाश्वत होने पर किसी को संदेह नहीं होना चाहिए। ये दोनों अलग अलग बातें हैं। सनातन धर्म शाश्वत है यह विश्वास की बात है। लेकिन सनातन धर्म भारत का राष्ट्रीय धर्म है यह तथ्यात्मक और संवैधानिक दोनों तरीके से गलत है और संवैधानिक पद पर बैठे किसी व्यक्ति को ऐसी बात नहीं कहनी चाहिए। वोट की राजनीति अपनी जगह है लेकिन उसके लिए संविधान विरूद्ध बातें नहीं कही जानी चाहिए।