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बडगाम हार के बाद फारूक के बदले सुर

फारूक अब्दुल्ला

Jammu, Jan 09 (ANI): Jammu and Kashmir National Conference (JKNC) President Dr Farooq Abdullah speaks to the media, in Jammu on Thursday. (ANI Photo)

नेशनल कॉन्फ्रेसं के नेता फारूक अब्दुल्ला के सुर बदल गए हैं। उन्होंने दिल्ली में लाल किले के सामने हुए कार विस्फोट में मारे गए संदिग्ध आतंकवादी डॉक्टर उमर और इस मामले में गिरफ्तार दूसरे संदिग्ध आतंकवादियों की एक तरह से तरफदारी की है। गौरतलब है कि इस मामले में आधा दर्जन से ज्यादा डॉक्टर पकड़े गए हैं। इन संदिग्ध आतंकवादियों को लेकर फारूक अब्दुल्ला ने कहा है कि लोगों को यह सोचना चाहिए कि आखिर ये डॉक्टर लोग क्यों और कैसे आतंकवादी बन गए। उनका संदिग्ध आतंकवादियों के प्रति इस तरह सहानुभूति दिखाना या यह संकेत देना कि अब भी शासन की तरफ से ऐसी ज्यादती हो रही है, जिसमें डॉक्टरी पढ़ने के बाद भी लोग आतंकवादी बन रहे हैं, बेहद अफसोस की बात है। फारूक अब्दुल्ला का यह बदला हुआ सुर निश्चित रूप से बडगाम सीट पर उनकी पार्टी की हार के कारण है।

गौरतलब है कि पिछले साल हुए विधानसभा चुनाव में उमर अब्दुल्ला दो सीटों से चुनाव लड़े थे और जीते थे। चुनाव के बाद उन्होंने बडगाम सीट से इस्तीफा दे दिया था। उस सीट पर 11 नवंबर को उपचुनाव हुआ था, जिसमें उमर ने खूब मेहनत की थी और खूब प्रचार किया था लेकिन वहां महबूबा मुफ्ती की पार्टी पीडीपी उम्मीदवार ने नेशनल कॉन्फ्रेंस को हरा दिया। नेशनल कॉन्फ्रेंस के श्रीनगर के सांसद आगा रूहुल्ला ने इस सीट पर प्रचार से मना कर दिया था। माना जा रहा है कि जम्मू कश्मीर में उमर अब्दुल्ला के बारे में यह धारणा बन रही है कि वे भाजपा से मिले हुए हैं और केंद्र सरकार के एजेंडे के हिसाब से काम कर रहे हैं। यह भी प्रचार हो रहा है कि उन्होंने जम्मू कश्मीर का राज्य का दर्जा बहाल करने की मांग भी छोड़ रखी है। इससे कांग्रेस और पीडीपी दोनों के लिए मौका बन रहा है। तभी फारूक अब्दुल्ला ने अचानक यू टर्न किया है और संदिग्ध आतंकवादियों के प्रति सहानुभूति दिखाने लगे हैं।

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