भारतीय जनता पार्टी ने पिछले साल के अंत में हुए मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान और तेलंगाना के विधानसभा चुनाव में जो प्रयोग किए थे उसे दिल्ली में दोहराए जाने की संभावना है। इन चार राज्यों में पार्टी ने अपने कई सांसदों को विधानसभा का चुनाव लड़ाया। उस समय के केंद्रीय मंत्रियों नरेंद्र सिंह तोमर, प्रहलाद पटेल, फग्गन सिंह आदि को लोकसभा छोड़ कर विधानसभा चुनाव लड़ने को कहा गया। जानकार सूत्रों का कहना है कि इस बार लोकसभा चुनाव में भाजपा ने जिस सांसदों की टिकट काटी उनमें से कुछ सांसदों को विधानसभा का चुनाव लड़ने को कहा जा सकता है। गौरतलब है कि दिल्ली में भाजपा ने सात में से छह सांसदों की टिकट काट दी थी। इनमें से तीन को विधानसभा का चुनाव लड़ाया जा सकता है।
जिन सांसदों की टिकट कटी थी उनमें से एक हंसराज हंस को भाजपा ने पंजाब की फरीदकोट सीट से चुनाव लड़ाया। वे पांचवें स्थान पर रहे। गौतम गंभीर ने राजनीति से संन्यास ले लिया है और डॉक्टर हर्षवर्धन भी चुनाव नहीं लड़ेंगे। बचे हुए तीन पूर्व सासंद मीनाक्षी लेखी, प्रवेश वर्मा और रमेश विधूड़ी को भाजपा चुनाव लड़ा सकती है। इनमें से विधूड़ी और प्रवेश वर्मा पहले विधायक रहे हैं। इस बार बताया जा रहा है कि प्रवेश वर्मा अपनी पारंपरिक महरौली सीट से चुनाव लड़ सकते हैं। विधूड़ी के भी अपनी पुरानी तुगलकाबाद सीट से लड़ने की चर्चा है। वे इस सीट से तीन बार विधायक रहे हैं। नई दिल्ली से सांसद रही मीनाक्षी लेखी कस्तूरबा नगर या अंबेडकर नगर से चुनाव लड़ सकती हैं।