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चुनाव आयोग में शिकायत से क्या होगा?

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कांग्रेस पार्टी के नेता हरियाणा में अलग अलग विधानसभा क्षेत्रों से शिकायत इकट्ठा कर रहे हैं। जयराम रमेश और पवन खेड़ा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके नतीजों पर सवाल उठाया और कहा कि कांग्रेस हारी नहीं है, बल्कि उसको हराया गया है। दोनों ने लोकप्रिय धारणा का हवाला देते हुए कहा कि किसी को नहीं लग रहा था कि भाजपा हार जाएगी। उन्होंने ईवीएम की बैटरी का मुद्दा बनाया है। कांग्रेस का कहना है कि जिस ईवीएम की बैठरी 99 फीसदी चार्ज थी, उसमें सिर्फ भाजपा के वोट निकले, जबकि कम चार्ज ईवीएम में कांग्रेस के वोट ज्यादा निकल रहे थे। उनके कहने का मतलब है कि ईवीएम बदले गए क्योंकि 10 घंटे वोटिंग के बाद सील किए गए ईवीएम की बैटरी 99 फीसदी चार्ज नहीं रह सकती है।

कांग्रेस ने कहा है कि वह इसकी शिकायत चुनाव आयोग से करेगी। तमाम शिकायतें इकट्ठा करने के बाद आयोग के पास जाएंगे। लेकिन सवाल है कि इससे क्या हासिल होगा? चुनाव आयोग ने तो पहले ही कांग्रेस को आरोपों को एब्सर्ड यानी बेतुका बता दिया है। चुनाव आयोग का कहना है कि बैटरी कम या ज्यादा चार्ज होने के आरोप का कोई मतलब नहीं है। जाहिर है चुनाव आयोग ने इस आरोप को बेतुका बना दिया तो वह कांग्रेस की शिकायत लेकर उसे खारिज ही करेगी। वैसे भी प्रधानमंत्री भी पहले ही कह चुके कि कांग्रेस की आदत हो गई है कि वह चुनाव आयोग की प्रतिष्ठा पर धब्बा लगाने की कोशिश करे। सो, कांग्रेस पार्टी को चुनाव आयोग के पास जाकर शिकायत करने की बजाय न्यायपालिका का रास्ता देखना चाहिए। लेकिन वह सिर्फ इस वजह से नतीजों को स्वीकार करने से मना नहीं कर सकती है कि उसके या बहुत से लोगों के मन लायक नतीजे नहीं आए हैं।

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