भारतीय जनता पार्टी हरियाणा को लेकर बहुत परेशान है। तमाम सर्वेक्षणों में पार्टी पिछड़ती दिख रही है। ऊपर से पार्टी के अंदर भी घमासान छिड़ा हुआ है। तभी केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह भी बहुत सावधानी बरत रहे हैं और एक बार टिकटों पर सहमति बन जाने के बाद उन्होंने दोबारा विचार करने का फैसला किया। वे जींद में हुए पार्टी के कार्यक्रम में शामिल नहीं हुए और कहा जा रहा है कि जननायक जनता पार्टी के नेताओं को थोक में पार्टी में भर्ती करने के भी वे पक्ष में नहीं हैं। फिर भी दो दिन में भाजपा ने जाजपा के छह नेताओं, विधायकों और पूर्व मंत्रियों को भाजपा में शामिल कराया है।
इसमें सबसे हैरानी वाला मामला देवेंदर सिंह बबली का है। वे भी भाजपा में शामिल हो गए हैं। जजपा से बगावत करने के बाद से वे इधर उधर भाग रहे थे। पहले वे पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर से मिले और कुछ अन्य नेताओं को खट्टर से मिलवाया। लेकिन बाद में उनको लगा कि भाजपा पिछड़ रही है तो वे कांग्रेस की ओर दौड़ने लगे। थोड़े दिन पहले ही वे टोहाना सीट से कांग्रेस से टिकट मांगने गए थे लेकिन कांग्रेस ने उनको टका सा जवाब दे दिया। इतना ही नहीं कांग्रेस ने उनको पीछे की कतार में बैठने की जगह दी। लेकिन भाजपा ने उनका भी पार्टी में स्वागत किया है। इससे भाजपा की बेचैनी समझ में आ रही है। हालांकि दूसरी ओर भाजपा के पुराने नेता और टिकट मांग रहे दावेदार इससे खुश नहीं हैं। अगर बाहर से आए नेताओं को भाजपा टिकट देती है तो विवाद होगा और भितरघात भी होगा।