हिमाचल प्रदेश की कांग्रेस सरकार की स्थिति सांप छुछुंदर वाली हो गई है। उसे न निगलते बन रहा है और न उगलते। राजधानी शिमला में पिछले दिनों हिंदू समूहों ने एक बड़ा प्रदर्शन किया। शिमला में बन रही एक कथित अवैध मस्जिद के निर्माण के खिलाफ यह प्रदर्शन हुआ। अब वक्फ बोर्ड ने दावा किया है कि मस्जिद की जमीन उसकी है। यानी वह अवैध नहीं है। लेकिन विरोध थम नहीं रहा है। ध्यान रहे हिमाचल प्रदेश में मुस्लिम आबादी एक फीसदी से भी कम थी। लेकिन पिछले कुछ समय से बाहरी लोगों की वजह से आबादी बढ़ी है और तभी मस्जिद निर्माण भी शुरू हुआ है। इससे हिंदुओं में नाराजगी है। वे मुसलमानों और खास कर बाहरी मुसलमानों का विरोध कर रहे हैं। इसी तरह की जनसंख्या संरचना वाले उत्तराखंड में तो चारों तरफ बोर्ड लग गए हैं, जिसमें मुसलमानों के राज्य में आने पर पाबंदी का ऐलान किया गया है।
बहरहाल, हिमाचल प्रदेश सरकार के मंत्री अनिरूद्ध सिंह ने पिछले हफ्ते विधानसभा में हिंदुओं के प्रदर्शन का समर्थन किया और बाहरी लोगों के आने पर रोक लगाने की बात कही। इस पर विधानसभा के अंदर भाजपा के विधायकों ने खूब तालियां बजाईं। लेकिन मुस्लिम नेताओं ने कहना शुरू कर दिया है कि कांग्रेस और भाजपा की जुबान एक हो गई है। ऐसे में पार्टी नेताओं को स्टैंड तय करने में बड़ी मुश्किल आ रही है। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू और विक्रमादित्य सिंह दोनों ने बड़ा सधा हुआ बयान दिया है और कहा कि कानून के हिसाब से काम होगा। लेकिन मुश्किल यह है कि अगर मस्जिद का निर्माण हुआ तो हिंदू भड़केंगे और अगर निर्माण नहीं हुआ तो देश भर के मुसलमानों में गलत मैसेज जाएगा।