असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा को भाजपा ने पूर्वोत्तर में एनडीए का कामकाज देखने का जिम्मा दिया है। वे पूर्वोत्तर के सबसे बड़े राज्य के मुख्यमंत्री हैं और साथ ही नॉर्थ ईस्ट डेमोक्रेटिक एलायंस यानी नेडा के प्रमुख भी हैं। हालांकि इससे पूर्वोत्तर के कई राज्यों में नेताओं को दिक्कत है। बहरहाल, कहा जा रहा है कि भाजपा आलाकमान उनको केंद्रीय राजनीति में लाने पर विचार कर रहा है। यह नहीं कहा जा सकता है कि वे खुद इसके लिए राजी हैं या नहीं, लेकिन इसकी चर्चा है। ध्यान रहे पिछले कुछ समय से वे लगातार पूर्वोत्तर के राज्यों के बीच सीमा विवाद सुलझाने के काम में लगे हैं।
पिछले दिनों मणिपुर में शुरू हुई हिंसा जब एक महीने से ज्यादा समय तक नहीं थमी तो भाजपा आलकमान ने उनको शांति बहाली के प्रयास के लिए इंफाल भेजा था। वहां सभी समूहों से बातचीत करके वे दिल्ली आए हैं और केंद्र सरकार को अपनी रिपोर्ट दी है। उनकी इसी भूमिका को देखते हुए कहा जा रहा है कि उनको राष्ट्रीय राजनीति में लाया जा सकता है। जिस तरह से नेतृत्व की दूसरी कतार तैयार करने के लिए नरेंद्र मोदी ने अमित शाह को राष्ट्रीय राजनीति में बड़ी भूमिका सौंपी वैसे ही अमित शाह के बारे में कहा जा रहा है कि वे हिमंत सरमा को राष्ट्रीय राजनीति में लाकर उनको बड़ी भूमिका सौंपने पर विचार कर रहे हैं। बताया जा रहा है कि उनको केंद्रीय मंत्रिमंडल में जगह मिल सकती है। एक दूसरी जानकारी के मुताबिक अगले साल के लोकसभा चुनाव के बाद वे राष्ट्रीय राजनीति में आएंगे।