एक तरफ यह राजनीतिक नैरेटिव है कि नीतीश कुमार साफ-सुथरी और ईमानदार छवि के नेता हैं, परिवारवाद नहीं करते हैं, पिछड़ी जाति से आते हैं, पढ़े लिखे हैं और सरकार चलाने का लंबा अनुभव है तो दूसरी ओर बिहार में केंद्रीय एजेंसियों की कार्रवाई का नैरेटिव है। उनके सहयोगी लालू प्रसाद और उनके परिजनों के खिलाफ सीबीआई, ईडी आदि की कार्रवाई तो पुरानी बात हो गई। अब कुछ ऐसे कारोबारियों के खिलाफ कार्रवाई हो रही है, जिनको जनता दल यू के नेताओं का करीबी माना जाता है। पिछले सात-आठ महीने में आयकर विभाग की दो बड़ी कार्रवाई हुई है, जिसका राजनीतिक अभिप्राय निकाला जा रहा है।
पिछले साल अक्टूबर में आयकर विभाग ने गोविंदा कंस्ट्रक्शन के मालिक राजीव सिंह उर्फ गब्बू सिंह के यहां छापा मारा था। बिहार और दिल्ली में कई जगहों पर कंपनी के परिसरों पर छापेमारी हुई थी और अब कहा जा रहा है कि प्रवर्तन निदेशालय उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज करने वाला है। गब्बू सिंह को जनता दल यू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह का करीबी माना जाता है। उनके खिलाफ ईडी की कार्रवाई शुरू होने की खबर पिछले हफ्ते सूत्रों के हवाले से मीडिया में आई और उसके दो दिन बाद ही अजय सिंह उर्फ कारू सिंह के यहां आयकर का छापा पड़ा। तीन दिन तक आयकर का छापा उनके यहां चलता रहा। वे जदयू के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और बिहार विधानसभा के पूर्व स्पीकर और राज्य सरकार के वित्त मंत्री विजय चौधरी के करीबी रिश्तेदार हैं। छापे के बाद विजय चौधरी ने राजनीतिक बदले की भावना से कार्रवाई किए जाने का संकेत भी दिया। इससे कुछ समय पहले मणिकरण पावर कंपनी के कई ठिकानों पर छापेमारी हुई थी। यह कंपनी बिहार में बहुत काम कर रही है और बिहार सरकार के कई नेताओं व अधिकारियों के साथ इसके करीबी संबंध बताए जाते हैं।