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इंडिया कहने से बचने के कितने उपाय

रणनीति

विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ का नाम लेने से बचने के कितनी तरह के उपाय भाजपा और उसके समर्थकों की ओर से किए जा रहे हैं। भाजपा नेता और सोशल मीडिया में उनके समर्थक पत्रकार आदि रोज कोई न कोई उपाय खोजते हैं, जिससे ‘इंडिया’ नहीं कहना पड़े। भारत सरकार ने देश के नाम के मामले में तो रास्ता निकाल लिया है। अब हर जगह भारत कहा और लिखा जाने लगा है। लेकिन जहां विपक्षी गठबंधन का नाम लेना है वहां क्या किया जाए? प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी पार्टी के नेता तो इसे घमंडिया गठबंधन कह सकते हैं। लेकिन स्वतंत्र रूप से पत्रकारिता करने का दावा करने वाले पत्रकार क्या कहेंगे? सो, उन्होंने अब ‘इंडिया’ कहने से बचने का नया रास्ता निकाला है।

विपक्ष की ओर से बहिष्कार वाली सूची में शामिल एक पत्रकार ने कहा है कि इसे इंडी गठबंधन कहा जाएगा। उनका कहना है कि ‘इंडिया’ नाम में शामिल आखिरी ए का मतलब एलायंस है। इसलिए इंडी एलायंस या इंडी गठबंधन कहा जा सकता है। इसके बाद अनेक लोगों ने सोशल मीडिया में इसका इस्तेमाल भी शुरू कर दिया। भाजपा के कुछ नेता भी ऐसा लिखने लगे। विपक्षी गठबंधन को ‘इंडिया’ की बजाय इंडी गठबंधन लिखा जा रहा है कि इंडी शब्द का मजाक उड़ाने के रास्ते खोजे जा रहे हैं। सोचें, पहले ‘इंडिया’ को नीचा दिखाने के लिए कहा गया कि पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया और इंडियन मुजाहिदीन के नाम में भी इंडिया है। उसके बाद इंडिया की स्पेलिंग के बीच डॉट लगाने पर कहा गया कि यह देश को विभाजन करने का प्रतीक है। फिर इंडिया की बजाय भारत लिखा जाने लगा। फिर घमंडिया कहा गया और अब इंडी गठबंधन कहा जा रहा है।

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