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वैष्णव को क्या मालूम हकीकत?

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अश्विनी वैष्णव को फिर से रेल मंत्री बनाया है और संचार विभाग लेकर उसकी जगह सूचना और प्रसारण जैसा अहम मंत्रालय दिया है तो निश्चित रूप से कुछ सोच कर ही दिया होगा। बिना किसी राजनीतिक अनुभव के राज्यसभा पहुंचने अश्विनी वैष्णव जिस दिन पहली बार मंत्री बने उसी दिन से तीन मंत्रालय संभाल रहे हैं। उनकी कोई खास योग्यता देख कर ही प्रधानमंत्री ने यह भी किया होगा। भले आम लोग या पत्रकार, सामाजिक कार्यकर्ता आदि कहें कि भारतीय रेलवे की हालत बिगड़ती जा रही है, एक्सीडेंट बढ़ गए हैं, सेवाएं बहुत खराब हो गईं हैं, ट्रेनें समय पर नहीं चलती हैं और ज्यादा किराया चुका कर भी यात्री भेड़-बकरियों की तरह यात्रा करने को अभिशप्त हैं लेकिन प्रधानमंत्री ने उनको फिर से रेल मंत्रालय दिया है तो निश्चित रूप से उनकी नजर में वैष्णव अच्छा कर रहे होंगे।

यह अलग बात है कि हर दिन अलग अलग ट्रेनों में लोगों के भेड़ बकरियों की तरह ठूंस कर यात्रा करने के वीडियो वायरल हो रहे हैं। इस तरह के वीडियो सामने न आएं इसके लिए अश्विनी वैष्णव से एक अचूक नुस्खा ईजाद किया है। उन्होंने रेलवे अधिकारियों को निर्देश दिया है कि वे अनधिकृत रेल यात्रा करने वालों को रोकें। यानी बिना टिकट के या प्रतीक्षा सूची वाला टिकट लेकर जो लोग स्टेशन पहुंचें उनको ट्रेन में नहीं घुसने दिया जाए। सोचें, कितना शानदार एकदम आईआईटी, आईएएस मार्का आइडिया है! न ज्यादा लोग ट्रेनों में घुसेंगे और न उनकी वीडियो वायरल होगी!

असल में अश्विनी वैष्णव को अंदाजा ही नहीं है कि लोग क्यों उस तरह से यात्रा करते हैं? उनको पता ही नहीं कितनी मजबूरियों में लोग जानवरों की तरह यात्रा करते हैं? लोग तीन महीने पहले टिकट बुक कराते हैं और फिर भी वेट लिस्ट की टिकट मिलती है। सबको अपने गांव, घर जाने की कोई न कोई जरुरत होती है। वैष्णव को यह बात समझने की जरुरत है। वे ट्रेनों की संख्या बढ़ाएं, रेलवे ट्रैक का विस्तार करें, विशेष ट्रेनें चलाएं इस चक्कर में न पड़ें कि रील्स बनाने वाले मवेशी की तरह लोगों के ट्रेन के डब्बों में ठूंसे लोगों की वीडियो बना रहे हैं, जिसकी उनकी छवि खराब हो रही है।

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