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सरकार की चहेती कंपनियों का ढीला कामकाज

पिछले एक हफ्ते में तीन रिपोर्ट आई है, जिससे लग रहा है कि केंद्र सरकार की चहेती कंपनियों का काम बहुत ढीला है। ये तीनों रिपोर्ट सरकार की महत्वाकांक्षी योजनाओं को लेकर है, जिनमें इंफ्रास्ट्रक्चर की तमाम ऐसी बड़ी कंपनियां शामिल हैं, जिनको पिछले कुछ दिनों में सरकार के सारे बड़े और फ्लैगशिप प्रोजेक्ट्स के काम मिले हैं। सबसे हैरान करने वाली रिपोर्ट अयोध्या में राममंदिर के निर्माण की है। मंदिर के महंत सत्येंद्र दास ने कहा कि मंदिर की छत से पानी टपक रहा है। मंदिर निर्माण के कामकाज की निगरानी कर रहे नृपेंद्र मिश्रा ने स्वीकार किया कि कुछ जगह पानी टपक रहा है लेकिन वह इसलिए क्योंकि ऊपर छत नहीं बनी है या निर्माण का काम चल रहा है। सत्येंद्र दास ने यह भी कहा कि अगले साल अप्रैल तक मंदिर निर्माण का काम पूरा होना संभव नहीं है। यानी काम में देरी हो चुकी।

इसी बीच दूसरी रिपोर्ट उत्तर प्रदेश के नोएडा में बन रहे जेवर एयरपोर्ट को लेकर आई। उत्तर प्रदेश के पिछले विधानसभा चुनाव और लोकसभा चुनाव में सरकार ने इसका पड़ा प्रचार किया था। लेकिन अब कह दिया गया है कि एयरपोर्ट इस साल सितंबर में चालू नहीं हो पाएगा। इसके लिए अगले साल गर्मियों तक इंतजार करना होगा। य़ानी वहां भी प्रोजेक्ट में देरी हो गई है। तीसरी रिपोर्ट महाराष्ट्र से आई है। एक वीडियो पिछले दिनों वायरल हुआ, जिसमें दावा किया गया कि समुद्र पर बने अटल सेतु में दरार आ गई है। इसका उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कुछ दिन पहले ही किया था। बाद में महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस ने सफाई दी तो कहा कि वीडियो अटल सेतु का नहीं है, बल्कि एप्रोच रोड का है। यानी पुल पर जाने वाली सड़क का है। इसका मतलब है कि पुल की एप्रोच रोड पर तीन चार महीने में ही दरार आने की खबर सही है।

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