यह सवाल सोशल मीडिया में चल रही एक खास बहस और सुप्रीम कोर्ट के एक फैसले की वजह से उठा है। सोशल मीडिया में चर्चा है और यह चर्चा भाजपा समर्थक सोशल मीडिया हैंडल्स ने शुरू की है, कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी सरकार के साथ धोखा हुआ है। स्पष्ट रूप से कुछ भी कहने की बजाय घुमा फिरा कर ऑब्जर्वर रिसर्च फाउंडेशन यानी ओआरएफ को सामने लाया जा रहा है। गौरतलब है कि रिलायंस समूह के संस्थापक धीरूभाई अंबानी ने 1990 में इसकी स्थापना की थी। इसकी फंडिंग रिलांयस से होती है। इसके अध्यक्ष समीर सरन हैं और विदेश मंत्री एस जयशंकर के बेटे ध्रुव जयशंकर इसका अमेरिका का कार्यालय संभालते हैं।
कहा जा रहा है कि इस संगठन भारत की नीतियों में दखल दिया है और भारत के फैसला करने की क्षमता को प्रभावित किया है। यह भी कहा जा रहा है कि इसने भारत के हितों के खिलाफ काम किया है। सोशल मीडिया की चर्चा यहां तक है कि पिछले काफी समय से विदेश मंत्री एस जय़शंकर और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोवाल में नहीं बन रही है और इस विवाद के जड़ में उनका टकराव है। इस विवाद को अडानी बनाम अंबानी विवाद के तौर पर भी देखा जा रहा है। इस बीच सुप्रीम कोर्ट ने मुकेश अंबानी के बेटे द्वारा जामनगर में बनाए वनतारा की जांच का आदेश दे दिया है। सर्वोच्च अदालत ने चार सदस्यों की एक एसआईटी बनाई है, जो वनतारा में गलत तरीके से संरक्षित जानवरों को रखे जाने के आरोपों की जांच करेगी। गौरतलब है कि कुछ समय पहले ही प्रधानमंत्री मोदी वनतारा देखने गए थे और उन्होंने इस प्रयोग की काफी तारीफ की थी।