कांग्रेस के राज्यसभा सांसद धीरज साहू और उनके परिवार व रिश्तेदारों से जुड़े शराब कारोबार के कार्यालयों पर आयकर के छापे पड़े हैं और करीब तीन सौ करोड़ रुपए नकद पकड़े गए हैं। पहले कहा गया कि उनका शराब का बहुत बड़ा कारोबार है और यह कारोबार कच्चा माना जाता है, जिसमें नकदी की बड़ी लेन-देन होती है। इस आधार पर कई लोग मान रहे थे कि इस कारोबार में हर दिन करोड़ों रुपए नकद आते हैं। इसलिए धीरज साहू और अन्य कारोबारियों को यह साबित करने में दिक्कत नहीं आएगी कि यह वैध पैसा है, जो बैंक में जमा होने से पहले पकड़ लिया गया है। लेकिन ऐसा नहीं लग रहा है कि आयकर विभाग से इस आधार पर धीरज साहू को राहत मिल पाएगी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ट्विट के बाद उनकी मुश्किल बढ़ गई है। प्रधानमंत्री ने ट्विट करके कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर परोक्ष रूप से निशाना साधा। उन्होंने कहा कि नोटों से भरी अलमारी देखिए और कांग्रेस नेताओं का ईमानदारी पर भाषण सुनिए। उन्होंने यह भी कहा कि जनता से लूटा गया पाई पाई वसूला जाएगा। हालांकि कोई दो साल पहले कानपुर के इत्र कारोबारी पीयूष जैन के यहां जीएसटी का छापा पड़ा था, जिसमें दो सौ करोड़ रुपए की नकदी के साथ कोई चार सौ करोड़ रुपए की जब्ती हुई थी। लेकिन उनकी यह बात मान ली गई थी यह उनका वैध पैसा है और वे जीएसटी का जुर्माना भर कर छूट गए थे। लेकिन वैसी राहत धीरज साहू को नहीं मिलेगी। इसका कारण यह है कि जैन के यहां छापे के बाद प्रधानमंत्री ने ट्विट नहीं किया था और दूसरे बताया जाता है कि उनके यहां छापा समाजवादी पार्टी के करीबी पीयूष जैन के धोखे में पड़ गया था।