जम्मू कश्मीर में विधानसभा चुनाव के पहले चरण के मतदान की अधिसूचना जारी होने के बाद गठबंधन बनाने की राजनीति तेज हो गई है। घाटी में और जम्मू क्षेत्र में भी चुनाव पूर्व गठबंधन की संभावना तलाशने के लिए ही भाजपा ने फिर से राम माधव को सक्रिय किया है। गौरतलब है कि जम्मू कश्मीर में हुए पिछले विधानसभा चुनाव यानी 2014 के चुनाव के समय वे वहां सक्रिय थे और उन्होंने भाजपा व पीडीपी का गठबंधन कराया था। हालांकि 2020 में वे भाजपा से हट गए थे और वापस आरएसएस में लौट गए थे। अब फिर उनकी वापसी हुई है। वे कश्मीर की पार्टियों से चुनाव पूर्व और चुनाव बाद गठबंधन के बारे में बातचीत कर रहे हैं। वे नियुक्ति के तुरंत बाद जम्मू कश्मीर के दौरे पर पहुंच गए।
दूसरी ओर कांग्रेस ने भी गठबंधन का प्रयास तेज कर दिया है। इसी प्रयास के तहत कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी जम्मू कश्मीर के दौरे पर गए। दोनों नेता 21 अगस्त की शाम को जम्मू कश्मीर पहुंचे। बताया जा रहा है कि राहुल गांधी चाहते हैं कि जिस तरह से इस बार लोकसभा चुनाव सारी पार्टियां मिल कर लड़ीं और भाजपा को 240 सीट पर रोक दिया उसी तरह जम्मू कश्मीर के विधानसभा चुनाव में भी भाजपा विरोधी सभी पार्टियां मिल कर लड़ें। वे नेशनल कॉन्फ्रेंस और पीडीपी को समझाएंगे को जैसे महाराष्ट्र और झारखंड में भाजपा विरोधी पार्टियां मिल कर लड़ रहे हैं उसी तरह की लड़ाई जम्मू कश्मीर में भी होनी चाहिए। यहां तक कहा जा रहा है कि नेहरू गांधी परिवार सारी बातें भूल कर गुलाम नबी आजाद की वापसी पर भी काम कर रहा है।