अंतरिम जमानत पर जेल से छूट कर प्रचार के लिए जम्मू कश्मीर पहुंचे अलगाववादी नेता और आतंकवाद के आरोपी सांसद इंजीनियर राशिद ने विपक्षी गठबंधन को फंसा दिया है। राशिद ने कहा है कि अगर विपक्षी गठबंधन वादा करे कि उसकी सरकार बनेगी तो वे अनुच्छेद 370 बहाल करेंगे तो वे हर सीट से अपने उम्मीदवारों को हटा लेंगे। उनको पता है कि राज्य की दोनों बड़ी प्रादेशिक पार्टियों नेशनल कॉन्फ्रेंस और पीडीपी ने वादा किया हुआ है कि उनकी सरकार बनी तो वे अनुच्छेद 370 हटाने का प्रयास करेंगे। लेकिन सबको पता है कि राज्य सरकार ऐसा नहीं कर सकती है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कह भी दिया है कि इसका फैसला केंद्र सरकार के हाथ में है। फिर भी राशिद ने यह बात कही तो उसका निशाना कांग्रेस पार्टी है।
कांग्रेस पार्टी विधानसभा चुनाव नेशनल कॉन्फ्रेंस के साथ मिल कर लड़ रही है लेकिन उसने अनुच्छेद 370 की बहाली के सवाल पर चुप्पी साध रखी है। उसने नेशनल कॉन्फ्रेंस के एजेंडे का न तो समर्थन किया है और न विरोध किया है। लेकिन अब उसके लिए सांप छुछंदर वाली स्थिति है। अगर वह चुप रहती है तो इंजीनियर राशिद को कश्मीर घाटी में यह प्रचार करने का मौका मिलेगा कि कांग्रेस की मंशा अनुच्छेद 370 हटाने की नहीं है। फिर वे नेशनल कॉन्फ्रेंस को भी कठघरे में खड़ा करेंगे और कहेंगे कि पार्टी लोगों को मूर्ख बना रही है। हो सकता है कि उनके इस दांवपेंच का ज्यादा असर न हो लेकिन वे बारामूल से सांसद हैं और कट्टरपंथी युवा उनके साथ हैं, जिनके दम पर वे दक्षिण कश्मीर में विपक्षी गठबंधन को नुकसान पहुंचा सकते हैं।