चार राज्यों में अगले तीन महीने में विधानसभा के चुनाव होने वाले हैं। जम्मू कश्मीर, महाराष्ट्र, हरियाणा और झारखंड में अक्टूबर में विधानसभा चुनाव होने की संभावना है। ऐसा लग रहा है कि इन चार राज्यों में झारखंड सबसे ज्यादा फोकस में है। सिर्फ भाजपा के ही नहीं, बल्कि राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ की नजर भी झारखंड पर है। माना जा रहा है कि उत्तरी व दक्षिणी छोटानागपुर में ईसाई मिशनरियों की सक्रियता और संथालपरगना में बांग्लादेशी घुसपैठ की वजह से हो रहे धर्मांतरण को लेकर भाजपा और संघ दोनों चिंतित हैं। रघुवर दास की सरकार ने इसे रोकने के लिए कई कदम उठाए थे और तभी भाजपा के नेता दावा करते हैं कि 2019 के चुनाव में ईसाई मिशनरियों ने उन्हें हराने के लिए जम कर काम किया था।
बहरहाल, भाजपा ने शिवराज सिंह चौहान को चुनावी प्रभारी और हिमंत बिस्वा सरमा को सह प्रभारी बनाया है। दो हफ्ते के भीतर दोनों के दो दो दौरे हो चुके हैं। इस बीच राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ की तीन दिन की एक बड़ी बैठक रांची में हो रही है। अखिल भारतीय प्रांत प्रचारक स्तर की इस बैठक में हिस्सा लेने के लिए संघ प्रमुख मोहन भागवत रांची पहुंच गए हैं। 12, 13 और 14 जुलाई को यह बैठक होगी, जिसमें संघ के नंबर दो पदाधिकारी दत्तात्रेय होसबाले के साथ सभी सह सरकार्यवाह जैसे अरुण कुमार, कृष्ण गोपाल, रामदत्त, आलोक कुमार, सीआर मुकंद, अतुल लिमये आदि शामिल होंगे। संघ प्रमुख का बिशुनपुर जाने का कार्यक्रम भी है, जहां वनवासी कल्याण आश्रम की गतिविधियां चलती हैं।