बिहार में भारतीय जनता पार्टी की सहयोगी पार्टियों ने झारखंड में उसकी मुश्किलें बढ़ाई हैं। एनडीए में शामिल कम से कम तीन पार्टियां झारखंड में ताल ठोंक रही हैं और इस साल के अंत में होने वाले विधानसभा चुनाव में उम्मीदवार उतारने की तैयारी कर रही हैं। भाजपा की पुरानी सहयोगी जनता दल यू के अलावा चिराग पासवान की लोक जनशक्ति पार्टी और केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी की हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा ने चुनाव लड़ने की तैयारी शुरू कर दी है। मांझी की पार्टी ने केरल की एक पार्टी का पिछले दिनों अपने साथ विलय कराया। उसके बाद ऐलान किया कि वह झारखंड में पांच से छह विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ेगी। जीतन राम मांझी की जाति का असर कुछ सीटों पर है और खास तौर से बिहार से सटे जिलों में कई सीटों पर वे असर डाल सकते हैं।
इसी तरह रविवार को जमशेदपुर पूर्वी सीट के विधायक सरयू राय जनता दल यू में शामिल हो गए। नीतीश कुमार की पार्टी जनता दल यू का दावा जमशेदपुर पूर्वी सीट पर तो बन ही गया साथ ही इसके अलावा भी पार्टी 10 सीटों पर लड़ने की तैयारी कर रही है। चिराग पासवान ने अभी अपने पत्ते नहीं खोले हैं और उनकी पार्टी ने यह नहीं कहा है कि वह कितनी सीटों पर लड़ेगी लेकिन पार्टी के जानकार नेताओं का कहना है कि बिहार की राजनीति का असर झारखंड पर पड़ता है और इसलिए भाजपा को प्रतीकात्मक रूप से कम से कम एक भी सीट देकर लोजपा के साथ तालमेल करना चाहिए। मांझी और पासवान दोनों एससी वोट में भाजपा को फायदा पहुंचा सकते हैं। हालांकि भाजपा का कहना है कि एससी सीटों पर उसका अपना प्रदर्शन भी बहुत अच्छा है और वह नौ में से छह सीटों पर चुनाव जीती है।