झारखंड में भारतीय जनता पार्टी नेता जेएमएम और कांग्रेस की शिकायत चुनाव आयोग से कर रहे हैं। आमतौर पर विपक्षी पार्टियां भाजपा की शिकायत चुनाव आयोग से करती हैं, जिस पर ज्यादातर मामलों में कोई सुनवाई नहीं होती है। लेकिन झारखंड में भाजपा शिकायत कर रही है। इसका कारण यह है कि जेएमएम और कांग्रेस की राज्य सरकार ने कुछ दांवपेंच भाजपा से सीख लिए हैं। अब जेएमएम और कांग्रेस के नेता भी मतदान के दिन बगल के क्षेत्र में रैलियां करते हैं और मतदान को प्रभावित करने वाले सरकारी या गैर सरकारी फैसलों का ऐलान करते हैं। नकद पैसा भी भेजते हैं।
असल में बुधवार, 13 नवंबर को पहले चरण की 43 सीटों पर मतदान से एक दिन पहले राज्य सरकार ने मइया सम्मान योजना के 11 सौ रुपए महिलाओं के खाते में भेजे। भाजपा ने शिकायत की है कि किससे पूछ कर सरकार ने चुनाव से एक दिन पहले पैसा भेजा? यह पैसा महीने के पहले हफ्ते में भेजने का नियम है। लेकिन नंवबर में इसे रोक दिया गया और मतदान से ठीक पहले भेजा गया। अब जेएमएम के नेता कह रहे हैं कि जिस दिन हरियाणा में विधानसभा का चुनाव हो रहा था उसी दिन प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि का पैसा किसानों के खाते में ट्रांसफर हुआ था। इसी तरह भाजपा ने चुनाव आयोग से इस बात की भी शिकायत की है कि कांग्रेस ने मतदान से एक दिन पहले अपना घोषणापत्र जारी किया, जिसमें बड़े बड़े वादे किए गए। अब देखना है कि चुनाव आयोग इस पर क्या करता है?