कपिल सिब्बल ने अपने जीवन में बड़े आरोपियों के मुकदमे लड़े हैं। लालू प्रसाद से लेकर शिबू सोरेन तक के केस उन्होंने लड़े हैं। देश के सबसे जाने माने क्रिमिनल वकील राम जेठमलानी ने तो आतंकवादियों और हत्यारों के अनगिनत केस लड़े। लेकिन सिब्बल या जेठमलानी के सामने कभी भी इमेज का संकट खड़ा नहीं हुआ था। लेकिन पश्चिम बंगाल के आरजी कर अस्पताल में जूनियर डॉक्टर के साथ बलात्कार और जघन्य हत्या के मामले में बंगाल सरकार के वकील के तौर पर सुप्रीम कोर्ट में पेश होने से उनकी इमेज के सामने गंभीर संकट खड़ा हो गया है। सोशल मीडिया में सिब्बल और उनके साथ अदालत में पेश हो रही वकीलों की सूची वायरल हो रही है। उनके स्विस बैंक में खाते होने की बात कही जा रही है, जिस पर सुप्रीम कोर्ट में भी सिब्बल ने आपत्ति की थी।
उधर कोलकाता में जूनियर डॉक्टर सिब्बल के नाम और तस्वीर वाली तख्ती लेकर उनके खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं। तभी मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में जब कोलकाता बलात्कार और हत्या मामले की सुनवाई शुरू हुई तो सिब्बल ने इसकी लाइव स्ट्रीमिंग रोकने की मांग की। लेकिन चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की बेंच ने इसे खारिज कर दिया। सिब्बल को अपने साथ साथ दूसरे वकीलों, खासकर जो जूनियर वकील हैं उनकी इमेज को लेकर भी चिंता है। इस पूरे प्रकरण में सिब्बल को बलात्कारियों का समर्थक और महिला विरोधी के तौर पर पेश किया जा रहा है। अब स्थिति यह है कि सिब्बल इस मुकदमे से पल्ला भी नहीं झाड़ सकते हैं। तभी वे चाहते हैं कि जल्दी से जल्दी यह मामला लोगों की नजरों से हटे।