राज्य-शहर ई पेपर व्यूज़- विचार

डीके शिवकुमार की मुश्किलें बढ़ीं

dk shivakumar supreme court

कर्नाटक की राजनीति में कांग्रेस के चाणक्य कहे जाने वाले डीके शिवकुमार की मुश्किलें बढ़ गई हैं। पिछले साल मई में विधानसभा का चुनाव जीतने के बाद उन्होंने दावा किया कि राज्य की 28 में से 20 लोकसभा सीटें जीत कर वे कांग्रेस को देंगे। इसलिए ही उनको उप मुख्यमंत्री के साथ साथ प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष भी बनाए रखा गया था। लेकिन वहां कांग्रेस की सीटों की संख्या दहाई में नहीं पहुंची। वह सिर्फ नौ सीट ही जीत पाई। हालांकि एक से बढ़ कर नौ सीट पर पहुंचना भी बड़ी उपलब्धि थी।

इसके बावजूद डीके शिवकुमार निशाने पर आए हैं और इसका बड़ा कारण यह है कि उनके भाई डीके सुरेश बेंगलुरू ग्रामीण सीट से चुनाव हार गए हैं। पिछली बार वे अकेले कांग्रेस की टिकट पर चुनाव जीते थे। लेकिन इस बार पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवगौड़ा के दामादा डॉक्टर बी मंजूनाथ ने उनको हरा दिया। उनके लिए मुश्किल इस बात से भी हुई है कि राज्य की राजनीति में उनके विरोधी माने जाने वाले जरकिहोली भाइयों में से एक सतीश जरकिहोली ने उनके खिलाफ मोर्चा खोला है। राज्य सरकार के मंत्री सतीश जरकिहोली की बेटी चिकोडी सीट से चुनाव जीत गई है लेकिन उसके बगल की बेलगावी सीट पर दूसरी मंत्री लक्ष्मी हेब्बालकर का बेटा नहीं जीत पाया है। लक्ष्मी हेब्बालकर को डीके शिवकुमार का करीबी माना जाता है। तभी सतीश जरकिहोली हों या मुख्यमंत्री सिद्धरमैया के अन्य करीबी नेता, सब शिवकुमार के खिलाफ मोर्चा खोले हुए हैं।

Leave a comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

और पढ़ें