भाजपा अपनी जरूरत के लिए किस हद तक जाकर समझौता कर सकती है इसकी एक मिसाल कर्नाटक में देखने को मिल सकती है। हालांकि अभी इसकी पुष्टि नहीं हुई है लेकिन कहा जा रहा है कि एचडी देवगौड़ा की पार्टी के साथ तालमेल करने के लिए भाजपा उसको नेता प्रतिपक्ष का पद दे सकती है। हालांकि जेडीएस के सिर्फ 19 विधायक जीते हैं और नियम के मुताबिक नेता विपक्ष पद के लिए 10 फीसदी यानी 23 सीटों पर जीतना जरूरी होता है। फिर भी भाजपा के अंदर से ही इस बात की चर्चा शुरू हुई है कि जेडीएस को नेता विपक्ष पद दिया जा सकता है। ध्यान रहे राज्य में चुनाव नतीजे आए दो महीने से ज्यादा हो गए हैं लेकिन भाजपा ने अभी विधायक दल का नेता तय नहीं किया है।
विधायक दल का नेता तय करने में हो रही देरी के बीच यह चर्चा शुरू हुई है कि भाजपा जेडीएस के साथ तालमेल करने जा रही है। पहले बीएस येदियुरप्पा ने कहा था कि भाजपा और जेडीएस मिल कर लड़ेंगे और अब बसवराज बोम्मई ने कहा है दोनों पार्टियों में तालमेल की बात हो रही है। सोचें, पहले जेडीएस के साथ कांग्रेस या भाजपा सरकार बनाने के लिए तालमेल करते थे तो कम सीट होने के बावजूद जेडीएस का मुख्यमंत्री बनता था। अब विपक्ष में बैठने के लिए तालमेल हो रहा तो नेता विपक्ष बनाने की बात हो रही है। हो सकता है कि ऐसा न हो और भाजपा सिर्फ सद्भाव दिखाने के लिए ऐसी बात का प्रचार करा रही हो लेकिन इससे यह तय है कि जेडीएस के साथ अगले लोकसभा चुनाव के लिए उसका तालमेल होने जा रहा है। साथ ही यह भी लग रहा है कि विधायक दल का नेता चुनने में हो रही देरी पर से ध्यान हटाने के लिए भाजपा इस राजनीतिक दांवपेंच की चर्चा करा रही हो।